Shimla: महाराष्ट्र चुनावों में हिमाचल को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद : कांग्रेस
punjabkesari.in Sunday, Nov 10, 2024 - 09:28 PM (IST)
शिमला (ब्यूरो): कांग्रेस ने केंद्रीय भाजपा नेताओं के हिमाचल को लेकर लगाए जा रहे आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद करार दिया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. (कर्नल) धनीराम शांडिल और राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने रविवार को शिमला से जारी संयुक्त बयान में कहा कि महाराष्ट्र चुनाव के लिए हिमाचल सहित अन्य कांग्रेस शासित राज्यों से वसूली के आरोप लगाने वाले भाजपा नेता बताएं कि उन्हें चुनाव के लिए पूंजीपतियों से कितना धन मिला है। मंत्रियों ने कहा कि चुनावी बॉन्ड के जरिए 6,060 करोड़ रुपए का सबसे ज्यादा चंदा भाजपा को मिला है। ऐसे में केंद्रीय भाजपा नेता वसूली के आरोप लगाने सेे पहले अपने गिरेबान में झांकें।
उन्होंने कहा कि हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वायदा कर सत्ता में आई भाजपा सरकार ने युवाओं को रोजगार देने की बजाय उपलब्ध रोजगार भी छीन लिया। न लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपए आए और न ही युवाओं को नौकरी मिली। मंत्रियों ने कहा कि 22 माह के कार्यकाल में प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है। अगर ऐसा होता तो केंद्र सरकार अपनी सभी कठपुतली जांच एजैंसियों के जरिए कार्रवाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ती। मंत्रियों ने कहा कि भाजपा नेताओं को प्रदेश सरकार पर निराधार आरोप लगाने के बजाय दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपना ध्यान राष्ट्र के विकास और सर्वधर्म समभाव पर केंद्रित करना चाहिए। मंत्रियों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मात्र 20 माह के कार्यकाल में 10 में से 5 गारंटियों को पूरा किया है।
लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास कर रही भाजपा
उन्होंने कहा कि जब से भाजपा केंद्र में सत्ता में आई है तभी से ही राज्यों में एक-एक करके लोकतंत्र को कमजोर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। शुरूआत अरुणाचल प्रदेश से हुई थी जहां कांग्रेस की बहुमत वाली सरकार को गिराया गया था। मणिपुर और गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन भाजपा ने अलोकतांत्रिक तरीके से सरकार का गठन किया। महाराष्ट्र में बहुमत नहीं होने के बाद भी भाजपा के मुख्यमंत्री को राताें-रात शपथ दिलाई गई। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं को ई.डी., सी.बी.आई. और आयकर इत्यादि एजैंसियों के माध्यम से दबाव बनाया जाता है। हिमाचल में उनके प्रयास सफल नहीं हुए।