शिमला में फिर देखने को मिली पुलिस की दबंगई, SP ने किया Suspend

punjabkesari.in Tuesday, Aug 29, 2017 - 12:00 PM (IST)

शिमला: राजधानी शिमला में एक बार फिर पुलिस की दबंगई देखने को मिली है। भट्टाकुफर फल मंडी में रविवार देर रात 11 बजे पुलिस के 3 जवानों द्वारा यहां काम करने वाले मजदूरों (पल्लेदार) के साथ मारपीट करने के आरोप हैं। पुलिस द्वारा पिटाई की इस घटना से तिलमिलाए मजदूरों ने काम रोका और लगातार 14 घंटे तक लोडिंग-अनलोडिंग नहीं की। मामले की गंभीरता को देखते हुए शिमला पुलिस अधीक्षक सौम्या सांबाशिबन ने 1 कांस्टेबल को बर्खास्त किया। बता दें कि भट्टाकुफर मंडी में सोमवार सुबह हालात बिगड़ते जा रहे थे तो एस.एस.पी. कुलविंद्र अतिरिक्त पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने दोषी जवानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया तो जाकर दोपहर 1 बजे मंडी के सभी मजदूर काम पर लौटे। पिटाई की यह घटना मूलरूप से बिलासपुर निवासी जय सिंह, हेम लाल और रवि कुमार के साथ पेश आई। 
PunjabKesari

मजदूरों और जवानों के बीच काफी देर तक होती रही बहसबाजी
जय सिंह ने बताया कि रविवार रात 11 बजे के करीब 2 वर्दीधारी और 1 सादे कपड़ों में जवान लोडिंग के दौरान मजदूर हेम लाल व रवि कुमार से उलझे और उन्हें पीटना शुरू कर दिया। इस दौरान मजदूरों और जवानों के बीच काफी देर तक बहसबाजी होती रही। बीच बचाव करने गए जय सिंह को भी पुलिस जवानों ने पीट डाला। जय सिंह के मुताबिक तीनों मजदूरों को रातभर ढली पुलिस स्टेशन में रखा गया। पीड़ित मजदूरों की मानें तो 1 जवान सादी वर्दी में भी मौजूद था जबकि पुलिस केवल 1 ही कांस्टेबल द्वारा पिटाई की बात कह रही है। हालांकि दोपहर बाद तक मजदूरों ने पुलिस को लिखित में शिकायत नहीं दी। फिर भी पुलिस ने 1 कांस्टेबल को बर्खास्त कर ड्यूटी में कोताही बरतने वाले जवानों को भविष्य के लिए सख्त संदेश दिया है। इस घटना से मजदूरों में पुलिस के खिलाफ रोष व्याप्त है। भट्टाकुफर मंडी के आढ़ती और मजदूरों की मानें तो तीसरी बार पुलिस द्वारा इस तरह के घटनाक्रम की पुनरावृत्ति की गई है। इस कारण न केवल मजदूरों बल्कि ग्रोअर, आढ़ती और ट्रांसपोर्टरों को भी परेशानी झेलनी पड़ी। भट्टाकुफर मंडी सेब बेचने आए बागवानों को सेब बेचने के लिए दोपहर 1 बजे तक का इंतजार करना पड़ा।


दोपहर बाद 1 बजे काम पर लौटे मजदूर
ए.एस.पी. द्वारा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आश्वासन के बाद मजदूर काम पर लौटे और सेब की लोडिंग-अनलोडिंग शुरू की। करीब 14 घंटे तक लोडिंग-अनलोङ्क्षडग न होने की वजह से मंडी में दिनभर अव्यवस्था का आलम रहा। इस कारण ढली-भट्टाकुफर सड़क पर ट्रैफिक जाम लगा रहा और छराबड़ा में सेब से लदे वाहनों को अनलोडिंग के लिए भट्टाकुफर मंडी पहुंचने को घंटों इंतजार करना पड़ा।


पुलिस छावनी में तबदील हुई भट्टाकुफर मंडी
आमतौर पर भट्टाकुफर फल मंडी में ग्रोअर, आढ़ती, ट्रांसपोर्टर और मजदूर देखे जाते हैं लेकिन सोमवार को भट्टाकुफर मंडी पुलिस छावनी में तबदील रही। आढ़ती और मजदूरों के रोष को देखते हुए पुलिस के 2 दर्जन के करीब जवान मंडी में मौजूद रहे। इस घटना से बागवानों में भी पुलिस के खिलाफ जबरदस्त रोष देखा गया। 


इससे पहले भी कई बार दबंगई कर चुकी है पुलिस
पुलिस द्वारा आम लोगों से मारपीट का यह मामला नया नहीं है। इससे पहले शिमला पुलिस की छवि एक निजी होटल में जाकर शराब के लिए गिलास मांगने पर होटल कर्मी की पिटाई करके दागदार हो गई है। इसी तरह कभी सैलानियों की पिटाई, कभी पैट्रोल पंप पर तेल भरवाते वक्त ट्रिब्यूनल कर्मी की धुनाई और निजी बस चालक की पिटाई करके पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ चुके हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News