Shimla: HRTC कर्मशालाओं की हालत खस्ता, तकनीकी कर्मचारियों की भारी कमी
punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 06:49 PM (IST)
शिमला (राजेश): हिमाचल परिवहन तकनीकी कर्मचारी संगठन की त्रैमासिक बैठक मंगलवार को परिवहन निगम मुख्य कार्यशाला तारादेवी में संगठन अध्यक्ष पूर्ण शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में संगठन की राज्य कार्यकारिणी के पदाधिकारियों सहित प्रदेशभर के विभिन्न डिपुओं से आए करीब 100 से अधिक तकनीकी कर्मचारियों ने भाग लिया। बैठक में अध्यक्ष पूर्ण शर्मा व राज्य प्रधान खेम चंद ने कर्मशालाओं की दुर्दशा, तकनीकी स्टाफ की भारी कमी, पीस-मील कर्मचारियों को अनुबंध में न लेने, तकनीकी कर्मचारियों को टैक्नीकल स्केल का लाभ न देने तथा स्वास्थ्य-सुरक्षा मानकों की अनुपस्थिति जैसे गंभीर मुद्दों को उठाया।
उन्होंने कहा कि निगम प्रबंधन लंबे समय से इन समस्याओं पर उदासीन रवैया अपनाए हुए है, जिससे कर्मचारियों में व्यापक रोष है। वहीं संगठन के अन्य कार्यकारिणी पदाधिकारियों ने कहा कि तकनीकी कर्मचारियों से ड्यूटी और दूसरे ट्रेड का कार्य लिया जा रहा है, जिससे वे मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। कार्यभार बढ़ने के बावजूद निगम ने कई वर्षों से स्टाफ बढ़ाने की दिशा में कोई संजीदा कदम नहीं उठाया है।
कर्मशालाओं में घट रहा तकनीकी कर्मचारी स्टाफ, मात्र 1100 कर्मचारी
संगठन के महासचिव एचके शर्मा ने बताया कि 1996 के बाद तकनीकी कर्मचारियों की मात्र 2012 में आंशिक भर्ती हुई, जबकि इससे कई गुना अधिक स्टाफ सेवानिवृत्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि 1996 में 1700 बसों के लिए 2200 तकनीकी कर्मचारी थे, जबकि आज बेड़ा 3200 बसों का हो चुका है और तकनीकी स्टाफ घटकर मात्र 1100 रह गया है।
उन्होंने नए खुले डिपुओं में स्टाफ की मंजूरी न होने पर भी कड़ा रोष जताया। कर्मशालाओं की हालत पर चर्चा करते हुए संगठन ने कहा कि तकनीशियनों के लिए धूल, धूप, वर्षा, कीचड़ और तापमान से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं है। शोर, धुएं और गंदगी का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जबकि प्रदूषण नियंत्रण की कोई पहल नहीं की जा रही।
तकनीकी वर्ग वर्क टू रूल व वर्क टू डैजिगनेशन जैसे आंदोलन करेगा शुरू
बैठक में निर्णय लिया गया कि संगठन प्रबंधन व परिवहन मंत्री से कर्मशालाओं में सुधार के लिए समयबद्ध कार्ययोजना, निर्धारित नोर्म अनुसार तकनीकी स्टाफ की भर्ती, पीसमील कर्मचारियों को अनुबंध में लेने, आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाने, पदोन्नति नियमों में संशोधन तथा वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग करेगा। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते निगम प्रबंधन कर्मचारी हित में ठोस कदम नहीं उठाता तो तकनीकी वर्ग वर्क टू रूल व वर्क टू डैजिगनेशन जैसे आंदोलन शुरू करने को बाध्य होगा। जरूरत पड़ी तो संगठन श्रम न्यायालय का रुख भी करेगा।

