हिमाचल में शराब महंगी, 2,357 करोड़ राजस्व की होगी कमाई

punjabkesari.in Monday, Mar 06, 2023 - 09:21 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश में फिर से शराब महंगी होगी। यह निर्णय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया, जिसमें वर्ष 2023-24 के लिए नई आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई। प्रदेश में इस बार शराब के ठेकों की नए सिरे से निविदा प्रक्रिया के माध्यम से नीलामी होगी, जबकि पूर्व भाजपा सरकार में पुराने ठेकेदारों को 10 फीसदी की वृद्धि दी जा रही थी, जिसका कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए विरोध किया था। कोविड-19 महामारी के दौरान प्रति बोतल लगने वाले 10 रुपए कोविड सैस के स्थान पर अब 10 रुपए काऊ सैस लगाए जाने का प्रस्ताव है। इसी तरह राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एल-3, एल-4, एल-5 लाइसैंस धारकों को 3 स्टार रेटिड और उससे ऊपर के होटलों के सभी कमरों में रहने वालों के लिए मिनी बार की अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

पिछले वितीय वर्ष में पूर्व भाजपा सरकार ने 2,131 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा था, जिससे 264 करोड़ रुपए की अधिक आय होनी थी। अब वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान वर्तमान सरकार ने 2,357 करोड़ रुपए राजस्व का लक्ष्य रखा है, जिसमें 10.6 से 15 फीसदी की अधिक राजस्व कमाई होने की संभावना है यानी इस बार सरकार 226 करोड़ रुपए का अधिक राजस्व कमाएगी। इसका उद्देश्य सरकार के राजस्व में पर्याप्त वृद्धि, शराब के मूल्य में कमी और पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी पर अंकुश लगाना है। बैठक में 5 लीटर कैग ड्रोट बियर की खुदरा बिक्री शुरू करने का निर्णय लिया गया। इससे ग्राहकों को बियर की विभिन्न किस्में उपलब्ध होंगी। राज्य की वाइनरियों में आयातित वाइन की बॉटङ्क्षलग की अनुमति भी प्रदान की गई है। इससे ग्राहकों के लिए बैस्ट सेलिंग हाई रेंज वाइन ब्रांड उपलब्ध हो सकंेगे। मंत्रिमंडल ने बागवानों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत फलों के आसवन द्वारा निर्मित स्प्रिट या इसके डिस्टिलेशन और ब्लैंडिंग द्वारा प्राप्त शराब की नई किस्में शुरू करने का निर्णय लिया।

ऑनलाइन एंड-टू-एंड आबकारी प्रशासन प्रणाली होगी स्थापित
मंत्रिमंडल ने राज्य में प्रभावी ऑनलाइन एंड-टू-एंड आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित करने का निर्णय भी लिया। इससे वास्तविक समय में निगरानी के लिए मॉड्यूल के अलावा शराब की बोतलों के ट्रैक एवं ट्रेस की सुविधा शामिल होगी। इस नीति को सरकार, उपभोक्ता, खुदरा विक्रेता, थोक व्यापारी, बॉटलिंग प्लांट, डिस्टिलरी, होटल तथा बार इत्यादि सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। विभाग द्वारा सभी वर्गों से चर्चा एवं सुझाव के उपरांत ये निर्णय लिए गए हैं।

पड़ोसी राज्यों से निपटने के लिए नीति में छूट
नई आबकारी नीति में पड़ोसी राज्यों से प्रतिस्पर्धा करने के लिए कुछ क्षेत्रों में छूट भी दी गई है। इससे अवैध रूप से शराब की बिक्री को रोका जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि पड़ोसी राज्यों में शराब सस्ती होने के कारण इसका अवैध रूप से कारोबार होने की संभावना रहती है।


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Kuldeep

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