मानसून का कहर: हिमाचल में अब तक 37 लाेगाें की मौत और 40 लापता, करोड़ाें रुपए की संपत्ति का नुक्सान

punjabkesari.in Thursday, Jul 03, 2025 - 10:51 PM (IST)

शिमला (भूपिन्द्र): राज्य में 20 जून से अब तक 37 लोग जान गंवा चुके हैं तथा 407 करोड़ रुपए से अधिक की सरकारी संपत्ति को नुक्सान हुआ है। नुक्सान का यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। राज्य में अब तक 40 लोग लापता हुए हैं, जिनमें मंडी क्षेत्र से 34 लोग शामिल हैं। तलाश के लिए अभियान जारी है। यह बात विशेष सचिव राजस्व डीसी राणा ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान आई आपदा में राहत व बचाव कार्य में प्रमुख में लोगों के मिट्टी में दबने व पानी में बहना सबसे बड़ी चुनौती है। पिछला अनुभव रहा है कि लापता लोगों को हम तलाश नहीं पाए हैं, लेकिन फिर भी लापता लोगों को तलाशने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गत 2 दिनों में 164 जानवरों की जान गई तथा 154 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 106 पशुघर तबाह हुए हैं। अब तक राज्य में 14 पुलों के साथ-साथ 31 वाहनों को भी नुक्सान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि राज्य में 5 रिलीफ कैंप चलाए जा रहे हैं, जिनमें 357 लोग रह रहे हैं। मानसून के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में 26 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य में करीब 250 सड़कें तथा 500 बिजली के ट्रांसफार्मर व 700 पानी की योजनाएं बाधित हैं, जिन्हें बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है।
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आपदा से सबसे अधिक मंडी जिला प्रभावित
डीसी राणा ने कहा कि राज्य में आई आपदा से सबसे अधिक प्रभावित मंडी जिला है। उन्होंने कहा कि थुनाग में राहत व बचाव कार्य चल रहे है, साथ ही वहां पर बिजली व पानी की भी समस्या है। वहां पर वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा एयर फोर्स का हैलीकॉप्टर तैनात किया गया है।
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जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहीं घटनाएं
डीसी राणा ने कहा कि राज्य में जिस गति से बादल फट रहे हैं तथा बाढ़ आ रही है, उससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है। राज्य में राहत व बचाव कार्य में राज्य की एजैंसियों के साथ-साथ भारत सरकार की एनडीआरएफ की बटालियन भी कार्य कर रही है। इसके अलावा यदि भारत सरकार से सहायता की आवश्यकता होगी तो इस पर राज्य सरकार निर्णय लेगी।
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Content Writer

Vijay

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