हिमाचल में ई-वाहनों की रजिस्ट्रेशन में सबसे अधिक 2,444 दोपहिया वाहन रजिस्टर्ड

punjabkesari.in Monday, Jun 24, 2024 - 04:44 PM (IST)

शिमला (राजेश): हिमाचल में बढ़ते पैट्रोल के दामों व सड़क पर बढ़ते जाम के चलते लोगों की नजर अब इलैक्ट्रिक स्कूटी व बाइक्स पर है। प्रदेश में लोग ई-वाहनों में सबसे अधिक ई-दोपहिया वाहन खरीद रहे हैं, जिनमें ई-स्कूटी व बाइक दोनों शामिल हैं। इस बात का खुलासा परिवहन विभाग के आंकड़ों मेें सामने आया है। परिवहन विभाग के पास प्रदेश भर में कुल 3,299 ईलैक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्र्ड हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इन वाहनों में सबसे अधिक इलैक्ट्रिक स्कूटी व बाइकें हैं। प्रदेश में कुल 2,444 ई-दोपहिया वाहन रजिस्टर्ड हैं। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ई-दोपहिया वाहनों को लेकर हिमाचल के लोगों में कितना क्रेज है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ई-वाहनों की खरीद में क्रांति सामने आई है। इससे पहले के वर्षों में ई-वाहनों को लेकर इतना अधिक क्रेज नहीं था। लोग इसलिए भी दोपिहया ई-वाहन अधिक खरीद रहे हैं क्योंकि इनके लेने से महंगे पैट्रोल का खर्च और शहर में लगने वाले जाम की चिंता नहीं होगी। आसानी से जाम से निकलते हुए अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंच रहे हैं।

किस कैटेगरी में कितने ई-वाहन विभाग के पास रजिस्टर्ड
प्रदेश में अब तक कुल 3,299 ई-पाहन रजिस्टर्ड यानी पंजीकृत हैं। जिनमें 87 बसें, 13 ई-रिक्शा कार्ट, 192 ई-रिक्शा पी, 22 गुड्स कैरियर, 2,444 बाइक व स्कूटी, 10 स्कूटी विद साइड कार, 43 मैक्सी कैब, 44 मोपेड,3 मोटर कैब, 288 मोटर कार, 31 मोटरोसाइड, 30 ओमनी बस, 1 प्राइवेट बस, 5 प्राइवेट बस निजी प्रयोग, 4 थ्री व्हीलर गुड्स, 80 थ्री व्हीलर पैसेंजर व 2 थ्री व्हीलर पर्सनल शामिल हैं।

2017 में मात्र 15 ई-वाहन रजिस्टर्ड, 7 सालों में बढ़ी संख्या
आंकड़ों के अनुसार हिमाचल में वर्ष 2017 में ई-वाहनों का प्रचलन शुरू हुआ था। उस समय मात्र 15 ई-वाहन रजिस्टर्ड थे। वहीं वर्ष 2018 में इनकी संख्या 62 हुई, 2019 में 54, 2020 में 180, वर्ष 2021 में 326, 2022 में 1,007, 2023 में 1,128, फिर 2024 में अब 526 वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं।

एक दौर था जब विभाग में 15 वाहन रजिस्टर्ड थे
निदेशक परिवहन विभाग डीसी नेगी ने कहा कि हिमाचल में ई-वाहनों को लेकर लोगों में प्रचलन बढ़ने लगा है। एक दौर था जब विभाग में 15 वाहन रजिस्टर्ड थे, लेकिन अब इनकी संख्या 3,299 तक पहुंच गई है। इनमें सबसे अधिक दोपहिया वाहनों की संख्या है। प्रदेश को प्रदूषण मुक्त किया जाए और ई-वाहनों का प्रचलन बढ़ाया जाए, इसके लिए विभाग युद्ध स्तर पर काम कर रहा है।
 


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Kuldeep

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