Shimla: सीबीआई की राडार पर 10वीं के फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाला गिरोह

punjabkesari.in Sunday, Apr 20, 2025 - 06:18 PM (IST)

शिमला (राक्टा): देश के विभिन्न राज्यों में सक्रिय 10वीं के फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाला गिरोह सीबीआई के राडार पर चल रहा है। ऐसे में सीबीआई ने राजस्थान, हरियाणा, यूपी व बिहार के साथ ही कई अन्य राज्यों में अपना जाल बिछाया हुआ है और पूरे मामले की परतें खंगाली जा रही हैं। प्रदेश में डाक विभाग के तहत ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसके तहत बाहरी राज्यों से जुड़े युवा हिमाचल में 10वीं के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने में कामयाब रहे। हालांकि जब बाद में दस्तावेजों की पड़ताल हुई तो आरोपियों का पूरा राज खुल गया। सीबीआई की शिमला स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो शाखा ने बीते दिनों ही तीनों व्यक्तियों के खिलाफ डाक विभाग में नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेज पेश करने को लेकर 3 अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थीं। सीबीआई की शिमला शाखा में डाक विभाग की शिकायत पर इससे पहले भी ऐसे कई मामले दर्ज हो चुके हैं।

ऐसे में आशंका यही जताई जा रही है कि इसके पीछे कोई न कोई गिरोह सक्रिय है, जो युवाओं को सरकारी क्षेत्र खासकर डाक विभाग में नौकरी पाने के लिए फर्जी मार्कशीट उपलब्ध करवा रहा है। मामले की तह तक जाने के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार तक नौकरी हासिल करने वालों आरोपी व्यक्तियों से भी पूछताछ की जा रही है। साथ ही जिस राज्य से जुड़े बोर्ड के प्रमाण पत्र पेश किए गए, वहां के प्रबंधन से भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं। माना जा रहा है कि पूरे मामले में सीबीआई जल्द ही बड़ा खुलासा कर सकती है।

शिमला में 10 से अधिक केस
गौर हो कि शिमला जिला में भी इस तरह के 10 से अधिक केस सामने आ चुके हैं। इनमें से कुछ मामले सीबीआई को सौंपे गए हैं, जबकि कुछ में स्थानीय पुलिस मामलों की जांच कर रही है। इसी तरह बिलासपुर सहित अन्य जिलों में ऐसे कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं। अधिकतर मामले बाहरी राज्यों से जुड़े हैं, जिसे देखते हुए मामले सीबीआई को भेजे गए हैं।

क्या है पूरा मामला
डाक विभाग द्वारा समय-समय पर अखिल भारतीय ऑनलाइन चयन प्रक्रिया के माध्यम से शाखा पोस्ट मास्टर, सहायक शाखा पोस्ट मास्टर और ग्रामीण डाक सेवकों के पद के लिए भर्तियां प्रकाशित की जाती हैं। इसके तहत मैट्रिक के अंकों की मैरिट की वरीयता सूची के अनुसार आवेदन करने वाले युवाओं को चयनित किया जाता है। ऐसे में बीते कुछ वर्षों के दौरान हुई भर्तियों के तहत विभागीय पड़ताल में कई युवाओं के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए।


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Content Writer

Kuldeep

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