Shimla: एक वर्ष पुराने जख्म फिर ताजा, श्रद्धांजलि देते हुए बिलख-बिलख रोये परिजन
punjabkesari.in Wednesday, Aug 14, 2024 - 10:53 PM (IST)
शिमला (संतोष): बीते वर्ष प्राकृतिक आपदा से मिले गहरे जख्म एक बार फिर से उस समय हरे हो गए, जब शिव बावड़ी समरहिल में बुधवार को यहां श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। बीते वर्ष 14 अगस्त को यहां आई प्रलय ने 20 लोगों को काल का ग्रास बना डाला था और कई घरों के चिराग और कइंयों के पूरे परिवार इस हादसे में काल का ग्रास बन गए थे। श्रद्धांजलि देते समय न केवल इस हादसे में हताहत हुए लोगों के परिजन, अपितु यहां समरहिल व आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों की भी आंखें नम हो गईं। बुधवार को यहां श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल डा. धनीराम शांडिल ने बीते वर्ष शिव बावड़ी में प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वालों की दिवंगत आत्माओं को स्मृति स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वास्थ्य मंत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के उपरांत पौधा भी रोपित किया।
बीते वर्ष 551 लोगों ने गंवाई थी जान : शांडिल
उन्होंने कहा कि गत वर्ष भारी बारिश व भूस्खलन के कारण हुई प्राकृतिक आपदा से प्राचीन शिव बावड़ी मंदिर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसमें 20 श्रद्धालु काल का ग्रास बन गए, जो सुबह पूजा-अर्चना के लिए उस समय मंदिर में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि गत वर्ष भारी आपदा से पूरे प्रदेश में लगभग 551 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी तथा करीब 12,000 करोड़ रुपए से अधिक का आर्थिक नुक्सान प्रदेश को हुआ था। उन्होंने कहा कि आपदा की घड़ी में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फ्रंट फुट पर कार्य करते हुए आपदा ग्रसितों को राहत प्रदान की। उन्होंने कहा कि आपदा के उपरांत प्रदेश सरकार ने लोगों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से विशेष राहत पैकेज प्रदान किया, जिसके अंतर्गत पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकानों को 7 लाख रुपए देने का प्रावधान किया गया। उन्होंने कहा कि आजकल भी भारी बरसात हो रही है और आपदा के मद्देनजर हर जिला एवं खंड स्तर पर प्रशासन ने पूरी तैयारियां की हैं, ताकि आपदा से किसी भी प्रकार के जानमाल का नुक्सान न हो। इस अवसर पर विधायक हरीश, महापौर नगर निगम शिमला सुरेंद्र चौहान, पार्षदगण, जान गंवाने वाले लोगों के परिजन, स्थानीय लोग तथा अन्य लोग उपस्थित रहे।
शिव बावड़ी मंदिर समरहिल में यह रहा था प्राकृतिक आपदा का कारण
शिमला शहर में बीते वर्ष हुईं प्राकृतिक आपदाओं को लेकर विशेषज्ञों की एक गठित टीम ने सर्वेक्षण किया और अपनी रिपोर्ट सौंपी है। उस रिपोर्ट के तहत शिव बावड़ी मंदिर समरहिल में प्राकृतिक आपदा के कारणों की भी तलाश की गई। रिपोर्ट के अनुसार 14 अगस्त, 2023 को सुबह लगभग 7.30 बजे एडवांस स्टडी के पीछे की ओर हुए भारी भूस्खलन का निशान समरहिल क्षेत्र में शिव बावड़ी तक नीचे की ओर फैला पाया गया। स्लाइड की कुल लंबाई आईआईएएस से शिव बावड़ी तक लगभग 230 मीटर है। स्लाइड एडवांस स्टडी के मोटे ओवर बर्डन की विफलता के कारण सक्रिय हो गई है, जो कि जल विभाजक पर थी। ढलान की विफलता उप सतह के मोटे मलबे के आवरण की अधिक संतृप्ति के कारण हुई, जिसके परिणामस्वरूप भारी वर्षा के कारण ढलान के साथ मोटा मलबा बह गया और बड़े पेड़ उखड़ गए। मलबे का प्रवाह एक रेखीय अवसाद में सक्रिय हो गया है। मलबे के बहाव के कारण रेलवे ट्रैक धंस गया और शिव बावड़ी मंदिर की संरचना ढह गई, जिसमें 20 लोग जिंदा दफन हो गए।