Shimla: 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों को हर महीने मिल रहे 1000 रुपए
punjabkesari.in Sunday, Jan 05, 2025 - 10:43 PM (IST)
शिमला (ब्यूरो): मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत लाभार्थी बच्चों को पढ़ाई खर्च के अलावा, जेब खर्च के लिए 4 हजार रुपए प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं। बाल-बालिका संस्थानों के 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों के खाते में हर महीने 1000 रुपए और 15 से 18 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों एवं एकल महिलाओं के खाते में हर माह 2500 रुपए की धनराशि जमा की जा रही है। निराश्रित बच्चों को स्टार्ट-अप योजना के अंतर्गत 2 लाख रुपए की वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है। इन बच्चों को घर बनाने के लिए 3 बिस्वा भूमि के प्रावधान के साथ-साथ 3 लाख रुपए की वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है।
प्रदेश के 6000 अनाथ बच्चों को अन्य बच्चों के समान उचित देखभाल और बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधाएं मिल रही हैं। हिमाचल देश का पहला राज्य बना है, जिसने अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए कानून के अंतर्गत यह योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत 101 करोड़ रुपए का मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष भी गठित किया गया है। इस योजना का विस्तार करते हुए परित्यक्त बच्चों को भी इस योजना के दायरे में शामिल किया गया है।
सर्दी व गर्मी के वस्त्र खरीदने के लिए 10-10 हजार रुपए और विवाह अनुदान के रूप में 2 लाख रुपए देने का प्रावधान
अनाथ आश्रमों और वृद्धाश्रमों में रहने वालों, निराश्रित महिलाओं और मूक-बधिर बच्चों को सर्दी व गर्मी के कपड़े तथा जूते खरीदने के लिए 10-10 हजार रुपए वस्त्र अनुदान के रूप में दिए जा रहे हैं। इसके साथ-साथ विवाह अनुदान के रूप में 2 लाख रुपए का प्रावधान भी सरकार ने किया है। अनाथ आश्रम में रहने की उम्र को 26 वर्ष से बढ़ाकर 27 वर्ष किया गया है।
मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत 14 अनाथ बच्चों काे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में दाखिला दिलवाया गया है, जिनकी पढ़ाई का खर्च सरकार वहन कर रही है। हाल ही में ‘चिल्ड्रन ऑफ दी स्टेट’ के पहले दल को 13 दिवसीय भ्रमण पर भेजा गया है। इस दल में 22 बच्चे, जिनमें 16 लड़कियां और 6 लड़के शामिल हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिह सुक्खू का कहना है कि इन अनाथ बच्चों का हिमाचल की सम्पदा पर बराबर अधिकार है। सरकार ही इनकी माता और पिता है।