Shimla: डिस्ट्रिक्ट काेर्ट ने बरकरार रखा एमसी कोर्ट का फैसला, संजौली मस्जिद की सभी मंजिलें ताेड़ने के दिए आदेश

punjabkesari.in Friday, Oct 31, 2025 - 12:07 AM (IST)

शिमला (संतोष): विवादित संजौली मस्जिद मामले में जिला अदालत ने एमसी कोर्ट के ही फैसले को बरकरार रखते हुए मस्जिद को तोड़ने के आदेश जारी कर दिए हैं। जिला अदालत ने बुधवार को वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद कमेटी द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए नगर निगम अदालत के फैसले को सही ठहराया है। मामले में वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद कमेटी ने नगर निगम अदालत के फैसले को चुनौती दी थी, लेकिन जिला अदालत में भी वक्फ बोर्ड मस्जिद को लेकर कोई पुख्ता दस्तावेज या प्रमाण पेश नहीं कर पाया, जिसके आधार पर जिला अदालत ने नगर निगम अदालत के पूर्व फैसले को बरकरार रखा है। बता दें कि 6 अक्तूबर को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश यजुवेंद्र सिंह ने वक्फ बोर्ड और नगर निगम के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद मामले को अंतिम आदेश के लिए 30 अक्तूबर के लिए सूचीबद्ध किया था, जिस पर फैसला सुनाया गया है। फैसले के बाद रैजीडैंट सोसायटी के सदस्यों ने बांटी मिठाई संजौली मस्जिद मामले पर जिला अदालत के फैसले के बाद हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारियों व रैजीडैंट सोसायटी के सदस्यों ने मिठाइयां बाटीं। सदस्यों ने कहा कि यह फैसले ऐतिहासिक है।

अब नगर निगम जल्द गिरवाए ढांचा : जगतपाल
लोकल रैजीडैंट्स के वकील जगतपाल ठाकुर ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि अब जिला अदालत के निर्णय के बाद एमसी कोर्ट के अवैध ढांचे को गिराने के फैसले पर तुरंत अमल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संजौली मस्जिद को लेकर अब तक चार फैसले आए हैं। पहला फैसला पिछले वर्ष 24 अक्तूबर को आया था, जब एमसी कोर्ट ने मस्जिद की दूसरी, तीसरी व चौथी मंजिल को गिराने का आदेश जारी किया था। इस आदेश का पूरा पालन आज तक नहीं हुआ है। फिर जिला अदालत में न्यायमूर्ति प्रवीण गर्ग ने 3 नवम्बर 2024 को एमसी कोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। इसी वर्ष 3 मई को एमसी कोर्ट ने मस्जिद की निचले दो फ्लोर को भी अवैध बताकर गिराने को कहा था। उसके खिलाफ मस्जिद कमेटी व वक्फ बोर्ड ने जिला अदालत में अपील के जरिए चुनौती दी। इस बार भी न्यायमूर्ति यजुवेंद्र सिंह ने एमसी कोर्ट के फैसले को सही करार दिया। उन्होंने कहा कि अब अदालतों के फैसले के बाद मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराया जाना चाहिए।

फैसले की कॉपी मिलने पर हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे : लतीफ
जिला अदालत का फैसला आने के बाद मस्जिद कमेटी के पूर्व मुखिया व प्रतिनिधि मोहम्मद लतीफ ने कहा है कि फैसले की कॉपी मिलने के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मस्जिद कमेटी हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक, जहां जरूरत होगी जाएगी।

यह है पूरा मामला
वक्फ बोर्ड ने 17 मई को शिमला एमसी आयुक्त कोर्ट के 3 मई के आदेशों को चुनौती दी थी। आयुक्त कोर्ट ने संजौली मस्जिद को गैर-कानूनी बताते हुए निचली दो मंजिलें तोड़ने का आदेश दिया था। 19 मई को सुनवाई में अदालत ने मस्जिद कमेटी के प्रधान और एमसी शिमला को समन जारी कर रिकॉर्ड तलब किया। 23 मई को एमसी को दोबारा नोटिस जारी कर रिकॉर्ड पेश करने के लिए कहा गया। 26 मई की सुनवाई में कोर्ट ने मस्जिद तोड़ने पर अंतरिम रोक लगाई। एमसी ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। 29 मई को अदालत ने स्टे को 5 जुलाई तक बरकरार रखा। 11 जुलाई को केस को बहस योग्य माना गया। 8 और 21 अगस्त को वक्फ बोर्ड ने बहस के लिए समय मांगा। 6 सितम्बर को करीब सवा दो घंटे तक बहस हुई। अब 30 अक्तूबर को मामले में फैसला आया है।

2 गुटों में लड़ाई के बाद सुर्खियों में आया था मामला
संजौली मस्जिद मामला करीब 16 वर्षों तक शिमला के एमसी कोर्ट में चलता रहा। इस दौरान 50 से भी ज्यादा बार इस केस पर सुनवाई हुई। 31 अगस्त 2024 को शिमला के मैहली में दो गुटों में मारपीट के बाद से मस्जिद विवाद गर्माया। 1 और 5 सितम्बर 2024 को शिमला में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया। 11 सितम्बर को संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन किया गया। उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। इससे हिंदू संगठन भड़क गए। इसके बाद प्रदेश के कई जिलों में भी प्रदर्शन शुरू हुए और लोग सड़कों पर उतरे। इस बीच 12 सितम्बर को संजौली मस्जिद कमेटी स्वयं एमसी कोर्ट में पहुंची और खुद ही मस्जिद का अवैध हिस्सा तोड़ने की पेशकश की। हालांकि, 3 मई को एमसी आयुक्त कोर्ट ने इस पूरे मामले में अंतिम निर्णय ले लिया था। अब जिला अदालत ने भी इस फैसले पर मोहर लगाई है।


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Vijay

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