Shimla: 50 किसानों को वितरित किए 25 नई प्रजातियों के पौधे व बीज
punjabkesari.in Sunday, Mar 30, 2025 - 04:42 PM (IST)

रिकांगपिओ (राजकुमार): कृषि विज्ञान केंद्र किन्नौर ने जनजातीय उपयोजना के तहत जिले के दूरस्थ गांव कुनो में शीतोष्ण फलों के बागों के वैज्ञानिक प्रबंधन पर एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस मौके पर 50 किसानों को 13-13 पौध प्रति बागवान सेब की कुल 25 नई प्रजातियों के पौधे और गोभी, फूलगोभी, मूली व चुकंदर के बीज वितरित किए गए। यह पहल बागवानी के साथ अंतरवर्तीय खेती को बढ़ावा देकर किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ क्षेत्र में नई सब्जियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई।
ग्राम प्रधान निर्मला देवी और उपप्रधान सुशील सागर ने केंद्र की टीम का स्वागत करते हुए कहा कि यह गांव बागवानी के मामले में अभी शुरूआती दौर में है, जहां किसानों को वैज्ञानिक जानकारी की कमी के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह प्रशिक्षण किसानों को फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगा। केंद्र के फल विज्ञान वैज्ञानिक डा. अरुण कुमार ने बताया कि क्षेत्र में लंबी और कठोर सर्दियों के कारण सेब के पेड़ों को विकास के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता। इसके अलावा बागों में पेड़ों की अव्यवस्थित व्यवस्था, प्रूनिंग और ट्रेनिंग की कमी से पेड़ कमजोर होकर बीमारियों या बर्फबारी का शिकार हो जाते हैं।
कार्यक्रम के दौरान डा. नेगी ने गांव के बागों का दौरा कर किसानों को पेड़ों की सही कटाई-छंटाई (प्रूनिंग) और मजबूत संरचना विकसित करने का प्रायोगिक प्रदर्शन भी किया। उन्होंने चिंता जताई कि अधिकांश किसानों को पेड़ों को सही आकार देने की जानकारी नहीं है, जिससे बर्फ गिरने पर टहनियां टूटने का खतरा रहता है। इस अवसर पर वितरित सेब के पौधे और सब्जी बीज किसानों को उन्नत किस्मों के परीक्षण में मदद करेंगे। केवीके इनके परिणामों के आधार पर क्षेत्र के लिए उपयुक्त प्रजातियों की सिफारिश करेगा। ग्राम प्रधान ने भविष्य में प्रूनिंग और ट्रेनिंग पर विशेष प्रशिक्षण आयोजित करने का अनुरोध भी किया। कार्यक्रम में केवीके टीम के गोविंद सिंह, अजीत और मीनू ने सहयोग किया। ग्रामीणों ने इस पहल को किन्नौर के आर्थिक विकास की दिशा में एक सार्थक कदम बताया।