पालमपुर के फौजी ने फिर दिखाया दम, अल्ट्रा मैराथन में जीता गोल्ड

punjabkesari.in Sunday, Mar 11, 2018 - 11:06 AM (IST)

पालमपुर: मुसाफिर हैं हम हमारा रहनुमा जोके सफर। 
रुक नहीं सकते कभी मंजिल की हद को देखकर।। 
हम वो नहीं जो सिमट जाते हैं चादर के लिए।
हम बदल लेते हैं चादर अपने तन को देखकर।।


कुछ ऐसे ही जज्बे के साथ प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं पालमपुर नगरी के सूबेदार सुरेश चंद। दुश्मन की गोलियां भी उसका हौसला पस्त नहीं कर सकीं। बस जो ठान लिया वो करके दिखाया। मैडल से कम इस फौजी को कुछ भी पसंद नहीं। अब सेना के इस जवान ने 2 फरवरी, 2018 को वर्ल्ड चैम्पियनशिप अल्ट्रा मैराथन 101 किलोमीटर की दौड़ में प्रथम स्थान हासिल कर गोल्ड मैडल जीतकर हिमाचल की शान बढ़ाई है। इस 101 किलोमीटर वर्ल्ड चैम्पियनशिप अल्ट्रा मैराथन दौड़ में 347 रनर दौड़े थे। 
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सूबेदार भारतीय थल सेना 10 पैरा स्पैशल फोर्स में कार्यरत हैं। सुरेश चंद बताते हैं कि मई माह में 333 किलोमीटर में अल्ट्रा मैराथन के लिए रण ऑफ अरहान (गुजरात) में 333 किलोमीटर होने वाली रन प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि 333 किलोमीटर ला अल्ट्रा मैराथन लद्दाख में की जाएगी। यह अल्ट्रा मैराथन दौड़ आर्मी टीम विंग की तरफ से करवाई जाएगी। सुरेश का कहना है कि लद्दाख में ला अल्ट्रा मैराथन 333 किलोमीटर के लिए लगभग 1 लाख 80 हजार रुपए खर्च आएगा। उन्होंने इसके लिए प्रदेश सरकार से सहायता मांगी है। उधर, सूबेदार सुरेश के लिए समाजसेवी संजय शर्मा भी सहायता के लिए आगे आए हैं। 


रोजाना 5 घंटे प्रैक्टिस
सूबेदार का कहना है कि वह लद्दाख में होने वाली अल्ट्रा मैराथन 333 किलोमीटर प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सुबह 3 घंटे और शाम के समय 2 घंटे प्रैक्टिस करते हैं। उनका कहना है कि आजकल वे छुट्टियां होने के उपरांत पहाड़ी इलाके में सुबह-शाम प्रैक्टिस कर रहे हैं। सुरेश चंद का कहना है कि अच्छा करने के लिए ट्रेनिंग की जरूरत होती है। यदि ट्रेनिंग में मेहनत की हो तो सफलता मिल जाती है। उनका कहना है कि मेरी मेहनत का श्रेय कमांडर कौल वरुण छावड़ा और लैफ्टिनैंट कर्नल तुषार तोमर को जाता है, उनकी वजह से आर्मी का नाम और हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन कर रहा हूं।


मुठभेड़ में लग चुकी हैं 5 गोलियां  
कभी न हार मानने वाले सूबेदार सुरेश चंद का कहना है कि वर्ष 2004 में श्रीनगर के गांधीपुरा में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में उन्हें 5 गोलियां लगी थीं, परंतु इसके बावजूद उन्होंने मैदान नहीं छोड़ा। यही कारण है कि वह राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 4 स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे। 5 गोलियां लगने के बाद भी डाक्टर वाई.एस. परमार एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी में पिछले दिनों आयोजित राज्य स्तरीय मास्टर एथलैटिक्स प्रतियोगिता में 4 स्वर्ण पदक जीते। 400 मीटर, 1500 मीटर, 5 किलोमीटर व 10 किलोमीटर की दौड़ में प्रथम स्थान हासिल किया था। ऐसे में मास्टर एथलैटिक्स में ओवरऑल चैम्पियन रहे सुरेश चंद को सम्मानित किया था। 


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