Himachal: जयराम ठाकुर बोले-सुक्खू सरकार की प्राथमिकता सिर्फ सत्ता बचाना, प्रदेश हित पर नहीं ध्यान
punjabkesari.in Friday, Nov 22, 2024 - 06:24 PM (IST)
मंडी (रजनीश): हिमाचल प्रदेश सिर्फ सत्ता पक्ष का नहीं है, यह हमारा और हम सबका है। आर्थिक हालात को लेकर जैसी चिंता सरकार को है, वैसी ही हमें भी है। प्रदेश में आज यह हालत हो गई है कि सरकार की प्राथमिकता मात्र सरकार और सीपीएस को बचाने की रह गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू केवल अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं जबकि प्रदेश में विकास ठप्प पड़ा हुआ है। ये बातें शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी में पत्रकार वार्ता में कहीं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस प्रकार के फैसले आर्थिक सुधारों की बात कह कर लिए जा रहे हैं, उसमें कहीं न कहीं कोई साजिश दिखाई दे रही है।
चहेते सीपीएस की कुर्सियां बचाने के लिए हो रही सरकारी पैसों की बर्बादी
जयराम ने कहा कि कोरोना के दौर में भी भाजपा ने सरकारी विभागों की संपत्तियों को अटैच नहीं किया और न ही इन्हें निजी क्षेत्रों को सौंपा जबकि कांग्रेस ने कोर्ट के आदेशों पर प्रदेश हित में अपील तक नहीं की। अपने चहेते सीपीएस की कुर्सियां बचाने के लिए दिल्ली तक वकीलों की फौज खड़ी कर सरकारी पैसों की बर्बादी की जा रही है। दिल्ली से शिमला तक वकील स्टेट गैस्ट बनाकर लाए जा रहे हैं लेकिन बावजूद इसके सरकार आज अपने सीपीएस नहीं बचा सकी। हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इन्हें हटाने पर मुहर लगा दी है जबकि हम पहले दिन से कह रहे थे कि ये नियुक्तियां गैर-संवैधानिक हैं।
वर्तमान सरकार के नेतृत्व में परिपक्वता की कमी
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि आज हिमाचल जिस स्थिति में पहुंच गया है उसका कारण वर्तमान सरकार के नेतृत्व में परिपक्वता की कमी है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार आनन-फानन में फैसले लिए जा रही है, जिससे आर्थिक संकट तो पनप ही रहा है लेकिन पार्टी में अंदर की लड़ाई भी बढ़ रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस पार्टी की तरफ से लगाए गए उन आरोपों का भी खंडन किया है जिसमें कहा गया है कि जयराम ठाकुर की सरकार में भी पर्यटन निगम के होटलों को निजी हाथों में सौंपा गया था और प्रदेश सरकार इसकी जांच करवाएगी।
प्रदेश को नीलाम करने पर तुली कांग्रेस
जयराम ने कहा कि कांग्रेस सरकार प्रदेश को नीलाम करने पर तुली हुई है। हैरानी तो इस बात को लेकर है कि जो टूरिज्म के प्रॉफिट वाले होटल हैं उन्हें भी घाटे में दर्शा कर नीलाम किया जा रहा है। शिमला, मनाली और धर्मशाला में टूरिज्म के ऐसे होटल हैं जो फायदे में चल रहे हैं और उन्हीं के दम पर दूसरे होटलों के खर्चे भी निकलते हैं लेकिन आज उन्हें भी घाटे का बताया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने ऐसा क्यों किया, यह सच्चाई लोगों के सामने आनी चाहिए।
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