PGI से लौटाया नवजात, ऊना अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञों ने दी नई जिंदगी
punjabkesari.in Saturday, Jun 29, 2024 - 06:36 PM (IST)
ऊना (विशाल): जाको राखे साइयां मार सके न कोए, यह कहावत क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में चरितार्थ हुई है। एक नवजात बच्चे को जीवनदान उस समय मिला, जब उसको पंजाब और ऊना के निजी अस्पताल के बाद पीजीआई चंडीगढ़ से यह कहकर लौटा दिया गया कि शिशु ठीक नहीं हो पाएगा। परिवार ने वहां से वापस लाकर बच्चा क्षेत्रीय अस्पताल में इस आस पर उपचाराधीन करवा दिया कि जितने दिन भी बच्चा जिएगा उसको उपचार मिल जाए लेकिन चिकित्सकों की टीम ने मेहनत की और बच्चा कुछ दिनों में ही रिकवर हो गया। उसे आज अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अपनी इस उपलब्धि पर अस्पताल प्रबंधन भी खुशी मना रहा है।
जानकारी के अनुसार अप्पर अरनियाला के निवासी लखविन्द्र सिंह की पत्नी ने पंजाब के नंगल में बच्चे को 18 जून को जन्म दिया। प्रसव के बाद से ही बच्चा न तो रोया और न ही बच्चे को सही तरह से सांस आ रही थी। बच्चे को वहां से ऊना लाए और एक निजी अस्पताल में कुछ घंटे रखा। हालत खराब होने के कारण वहां से बच्चे को पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया लेकिन वहां भी कुछ घंटे बाद बच्चे को घर भेज दिया गया। वहां से आकर परिवार बच्चे को लेकर क्षेत्रीय अस्पताल ऊना पहुंच गया जहां शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ. विकास चौहान ने उसका इलाज शुरू किया।
बच्चे को ऑक्सीजन पर रखा गया और शिशु रोग विशेषज्ञों डाॅ. रवि शर्मा एवं डाॅ. आशना के साथ स्टाफ ने इस बच्चे पर ध्यान केंद्रित किया और उपचार जारी रखा। कुछ दिनों में बच्चा रिकवर हो गया और शनिवार को उसको अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। इस मौके पर सीएमओ ऑफिस में बच्चे के परिवार के साथ इस उपलब्धि की खुशी भी मनाई गई। इस दौरान सीएमओ डाॅ. एसके वर्मा, एमएस डाॅ. संजय मनकोटिया, एमओएच डाॅ. सुखदीप सिंह सिद्धु, डाॅ. विकास चौहान व डाॅ. रवि शर्मा सहित स्टाफ मौजूद रहा। सीएमओ डाॅ. एसके वर्मा ने बताया कि बच्चे के उपचार में पूरी टीम ने अथक प्रयास किए हैं और अब बच्चा रिकवर हो गया है। उसे आज डिस्चार्ज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में हर मरीज का तन्मयता से उपचार करने के लिए विभागीय टीम प्रतिबद्ध है।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here