MC के 6 करोड़ की गारबेज फीस पर सरकारी संस्थानों ने मारी कुंडली

punjabkesari.in Sunday, Sep 01, 2019 - 10:17 AM (IST)

शिमला (वंदना): राजधानी शिमला में प्रदेश सचिवालय से लेकर सरकारी स्कूल, कालेज व अस्पतालों सहित 100 महकमों द्वारा सालों से नगर निगम को कूड़े की फीस का भुगतान नहीं किया गया है। ये संस्थान एम.सी. की करीबन 6 करोड़ रुपए गारबेज फीस पर कुंडली मार कर बैठे हैं, जिससे नगर निगम को अब सैहब सोसायटी को चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। एम.सी. की ओर से सभी सरकारी विभागों को कई बार पत्राचार के माध्यम व निरीक्षण करने के बाद कूड़े की फीस का भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन बार-बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी सरकारी विभागों से निगम को कूड़े की फीस नहीं मिल पा रही है, जिससे नगर निगम को हर साल 6 करोड़ रुपए का नुक्सान उठाना पड़ रहा है।

प्रशासन का कहना है कि शहर के अस्पतालों से बहुत अधिक मात्रा में गारबेज निकलता है, साथ ही सरकारी महकमों जिसमें से 100 से 125 कमरे हैं और रोजाना कूड़ा निकलता है, जिसे नगर निगम उठाता है भरयाल स्थित प्लांट में ठिकाने लगा रहा है, इसकी एवज में फीस नहीं मिल रही है जिससे सैहब सोसायटी लगातार घाटे में चल रही है। प्रशासन का कहना है कि जब सरकारी विभाग कूड़े की फीस का भुगतान नहीं कर रहे हैं तो ऐसे में नगर निगम प्रदेश सरकार से हर साल 6 करोड़ रुपए बतौर कूड़े की फीस 10 प्रतिशत बढ़ौतरी के साथ देने की मांग करेगा ताकि सरकार से एम.सी. को 6 करोड़ रुपए मिल सकें और सैहब सोसायटी को घाटे से बाहर निकाला जा सके। निगम सदन से प्रस्ताव पारित कर नगर निगम जल्द ही सरकार को भेजेगा।

सरकारी शिक्षण संस्थानों से हर साल 1.50 करोड़

शहर के सरकारी शिक्षण संस्थानों जिसमें 40 से अधिक कमरे हैं यहां से एक साल में करीनब 1.50 करोड़ रुपए की गारबेज फीस वसूल की जानी है, लेकिन अब तक संस्थान की ओर से फीस नहीं दी गई है। निगम के गारबेज कलैक्टर रोजाना इन संस्थानों से कूड़ा उठाते हैं।


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Ekta

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