Himachal: रोहित ठाकुर का बड़ा ऐलान, कहा-''हाईकमान ने अध्यक्ष की जिम्मेदारी साैंपी तो छोड़ दूंगा मंत्री की कुर्सी''
punjabkesari.in Friday, Oct 10, 2025 - 07:33 PM (IST)

शिमला (अभिषेक): शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि वन मैन, वन पोस्ट का सिद्धांत सभी पर लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी हाईकमान उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी देता है तो वह मंत्री पद छोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी उन्हें जो भी दायित्व सौंपेगी, वह उसे पूरी निष्ठा से निभाएंगे। शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि फिलहाल उन्हें हाईकमान ने राज्य के सबसे बड़े शिक्षा विभाग का जिम्मा दिया है और उन्होंने इस जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाया है। उन्होंने कहा कि अब तक शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधार किए हैं और यदि पार्टी उन्हें नई जिम्मेदारी देती है तो वह उससे पीछे नहीं हटेंगे और बिना हिचकिचाहट के शिक्षा मंत्री का पद छोड़ देंगे।
2023 की तुलना में 2025 में अधिक जानी नुक्सान हुआ
रोहित ठाकुर ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के बीच वर्ष 2023 की तुलना में 2025 में अधिक जानी नुक्सान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बार 500 से अधिक लोगों की मृत्यु प्राकृतिक आपदा के बीच हुई है। उन्होंने कहा कि इस बार भी 5500 करोड़ से अधिक का नुक्सान मानसून सीजन के दौरान हिमाचल प्रदेश को हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो 1500 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदेश को देने की घोषणा की है, यह राहत राशि शीघ्र प्रदेश को दी जाए। रोहित ठाकुर ने कहा कि विपक्ष केंद्र में हिमाचल प्रदेश के वैध अधिकारों का प्रतिनिधित्व करने में पूरी तरह विफल रहा है और राज्य के लिए राहत के रूप में एक पैसा भी सुनिश्चित नहीं कर पाया है। इसकी बजाय वे पूरी तरह से कांग्रेस सरकार की हर रचनात्मक पहल में खामियां ढूंढने और बेबुनियाद आरोप लगाने में लगे हुए हैं। यह राज्य के लोगों के कल्याण के प्रति उनकी पूर्ण उपेक्षा को दर्शाता है।
चुनाव स्थगित करने का निर्णय नागरिक सुरक्षा और सर्दी के मौसम के कारण लिया गया
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने राज्य में पंचायत चुनाव स्थगित करने के विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए स्पष्ट किया कि पंचायत चुनावों को स्थगित करना पूरी तरह से प्रशासनिक कारणों से था, जो अधिकारियों की वैध सिफारिशों पर आधारित था। अधिकारियों ने चुनाव स्थगित करने का सुझाव दिया था, क्योंकि प्राकृतिक आपदा के बाद विभिन्न क्षेत्रों में बहाली और पुनर्वास कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा ही दोहरे मापदंड अपनाए हैं। भाजपा ने स्वयं वर्ष 2022 में नगर निगम चुनावों में एक साल की देरी की थी। इतना ही नहीं, विभिन्न कारणों से भाजपा शासन वाले कई अन्य राज्यों में चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। फिर भी भाजपा, कांग्रेस सरकार की आलोचना करते समय ऐसे संदर्भों को नजरअंदाज करती है। चुनाव स्थगित करने का निर्णय नागरिक सुरक्षा और सर्दी के मौसम के कारण लिया गया।
सीमैंट पर जीएसटी घटाने से हिमाचल को हुआ 1000 करोड़ रुपए से अधिक का प्रत्यक्ष नुक्सान
रोहित ठाकुर ने इस दौरान राज्य के सामने आने वाली वित्तीय चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने के दृष्टिगत सीमैंट पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने के कारण हिमाचल को 1000 करोड़ रुपए से अधिक का प्रत्यक्ष नुक्सान हुआ है। राजस्व घाटा अनुदान 2021-22 में 10249 करोड़ रुपए से घटकर चालू वित्त वर्ष में 3257 करोड़ रुपए रह गया है, जिससे राज्य के खजाने पर अतिरिक्त दबाव पड़ा है। इन बाधाओं के बावजूद कांग्रेस सरकार अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को पूरा कर रही है और आवश्यक सेवाएं, आपदा राहत और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
काॅलेजों में जल्द भरे जाएंगे असिस्टैंट प्रोफैसर के 500 और पद
रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के काॅलेजों में जल्द 500 के करीब असिस्टैंट प्रोफैसर के पदों पर भर्ती प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। इन पदों को भरने के लिए मंत्रिमंडल से संस्तुति मिल चुकी है। अब शीघ्र कमीशन के माध्यम से इस पदों को भरा जाएगा। इससे प्रदेश के दूरदराज के काॅलेजों में पदों को भरा जा सके। उन्होंने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में काफी संख्या में भर्ती हुई। उन्होंने कहा कि पिछले अढ़ाई वर्षों में 7000 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है और 7000 से अधिक पद भरे गए हैं। शून्य और बहुत कम छात्र नामांकन वाले विद्यालयों को संसाधनों के बेहतरीन उपयोग के लिए युक्तिसंगत बनाया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों 3101 के करीब पद एलीमैंटरी एजुकेशन में भरे जाएंगे। इसके तहत टीजीटी की तीनों श्रेणियों के लगभग 937 पदों को भरने की प्रक्रिया चयन आयोग ने शुरू की दी है, जबकि प्रथम चरण में जेबीटी के 600 पदों को भरने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इसके अलावा एनटीटी के पदों को भरने की प्रक्रिया भी जारी है।
बिना शिक्षक वाले स्कूलों व सिंगल टीचर्स वाले स्कूलों की संख्या में आई कमी
रोहित ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2022 के अंत तक बिना शिक्षक वाले स्कूलों की संख्या जहां करीब 350 के आसपास थी, वह अब कम होकर 100 से कम हो गई है। सिंगल टीचर्स वाले स्कूलों की संख्या भी 3600 से कम होकर अब 2 हजार के आसपास हो गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने कई सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं और जनहित में कई कठोर कदम भी उठाए गए।