आधी रात को IGMC में वारदात को अंजाम देने घुसा शातिर, लोगों ने ऐसे सिखाया सबक
punjabkesari.in Wednesday, Feb 08, 2017 - 03:40 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आई.जी.एम.सी. में एक बार फिर सुरक्षा की पोल खुल गई। शातिरों द्वारा चोरी करने के प्रयास अभी भी थमते नजर नहीं आ रहे हैं। सोमवार रात को करीब 12 बजे भी महिला ऑर्थो वार्ड में एक शातिर ने चोरी करने का प्रयास किया, जिसे तीमारदार ने रंगे हाथ धरा लिया। हुआ यह कि जब महिला वार्ड में सभी मरीज व तीमारदार सो गए थे तो एक शातिर वार्ड में अंदर घुस गया। जैसे ही उसने मरीजों का सामान उठाना चाह तो उसी वक्त मनसा राम व्यक्ति ने उसे देख लिया और उससे पूछताछ की। ऐसे में पूछताछ करने तक शातिर ने मनसा राम को थप्पड़ मार दिया।
बेटे के पांव का अॉप्रेशन करवाने के चलते अस्पताल आया था
जब शातिर चोर वार्ड से बाहर निकल रहा था तो उसे अन्य तीमारदारों ने पकड़ लिया और उसकी जमकर धुनाई की। हालांकि इस दौरान चोर ने एक ही बैग उठाया था जोकि वार्ड में ही छोड़ दिया गया। उसी वक्त तीमारदारों ने पुलिस में शिकायत दी और उसे रात के समय ही चौकी पहुंचाया। पुलिस के समक्ष शातिर ने कहा कि वह कालीबाड़ी में रहता है। उसने कहा कि वह आई.जी.एम.सी. में किसी काम से आया था। मनसा राम ने मामला दर्ज करने से मना कर दिया। ऐसे में पुलिस ने वार्निंग देकर उससे छोड़ दिया। वह स्थायी रूप से चम्बा का रहना वाला बताया जा रहा है। मनसा राम अपने बेटे के पांव का अॉप्रेशन करवाने के चलते अस्पताल आया था। यहां उसकी पत्नी भी साथ में थी। अगर चोर का पता न चल पाता तो वह कुछ भी चुराकर ले जा सकता था। हैरत है कि सुरक्षा को लेकर प्रशासन के सब दावे खोखले नजर आ रहे हैं।
एक हफ्ते में दूसरा प्रयास
आई.जी.एम.सी. में चोरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक हफ्ते में 2 बार चोरी के प्रयास हुए हैं। बीते 1 फरवरी को भी आधी रात को 12 बजे जब मैडीसन वार्ड में सारे मरीज सो गए थे तो उसी वक्त एक शातिर चोर वार्ड में घुस गया था और जिला सोलन के रहने वाले जगत राम की पत्नी लीला देवी का बैग, कपड़े और 10,000 रुपए उठाकर फरार हो गया लेकिन गनीमत यहां पर यह रही थी कि उसे भी तीमारदारों ने पकड़ लिया था।
मरीजों में मची अफरा-तफरी
जैसे ही रात के समय में शातिर चोर की धुनाई की गई तुरंत ही पूरे वार्ड से मरीज उठ गए और ऐसे में जो अन्य वार्ड में तीमारदार थे वे भी एकत्रित हो गए। मरीजों को लगा कि आखिर में यहां पर क्या हो गया है। अब वार्ड में उपचाराधीन मरीजों को डर सता रहा है कि उनके साथ भी इस तरह की कोई घटना सामने न आए।