Una: सेना की वर्दी का सहारा लेकर ठगने चले थे शातिर, पिता की सतर्कता ने लुटने से बचाया फिजियोथैरेपिस्ट
punjabkesari.in Sunday, Apr 27, 2025 - 03:02 PM (IST)

अम्ब (अश्विनी): देश के सैनिक अपनी जान को खतरे में डालकर आम नागरिकों की रक्षा करते हैं, इसलिए देशवासी भी सैनिकों पर आंख मूंदकर भरोसा करते हैं। इसी भरोसे का फायदा उठाते हुए साइबर ठगों के गिरोह ने अब सेना की वर्दी का सहारा लेकर लोगों को ठगने की नई तरकीब निकाल ली है। ऐसा ही एक मामला अम्ब क्षेत्र में सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने एक फिजियोथैरेपी क्लीनिक के डॉक्टर को ठगी का शिकार बनाने की कोशिश की। मिली जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति ने डॉक्टर को फोन कर स्वयं को सेना का अधिकारी बताते हुए कहा कि युद्ध की तैयारियों के चलते उनके सैनिकों को फिजियोथैरेपी की आवश्यकता है।
फोन करने वाले ने बताया कि पहले चरण में 25 सैनिक इलाज के लिए भेजे जाएंगे और हर सैनिक के लिए फीस तय कर ली जाए। उसने यह भी कहा कि कुल राशि का आधा हिस्सा अग्रिम रूप से डॉक्टर के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। सेना का नाम सुनकर और मौजूदा वैश्विक हालातों के बीच डॉक्टर को बात सच्ची लगी। जब डॉक्टर ने ठग से पहचान प्रमाणित करने को कहा, तो उसने वीडियो कॉल कर सेना की वर्दी में बैठे कुछ लोगों को दिखाया। इससे डॉक्टर का शक लगभग दूर हो गया, लेकिन पास में मौजूद उनके पिता सतीश कुमार ने भी ठग से बात कर कुछ सवाल पूछे।
सवालों के जवाबों में गड़बड़ी पाकर उन्होंने ठग की पोल खोल दी। डॉक्टर ने जैसे ही कॉल काटी और वापस फोन मिलाने की कोशिश की तो सामने वाला नंबर स्विच ऑफ मिला। समझदारी से काम लेते हुए डॉक्टर ने तत्काल साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवाई। इस बारे में एएसपी ऊना संजीव भाटिया ने कहा कि सेना या सैनिकों के नाम पर कोई भी प्रस्ताव मिलने पर सतर्कता बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि साइबर ठग नए-नए हथकंडे अपनाकर लोगों को झांसे में लेने की कोशिश करते हैं। किसी भी अनजान कॉल, वीडियो कॉल या अग्रिम राशि के लेन-देन से पहले पूरी तरह जांच-पड़ताल जरूरी है।
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