भूस्खलन से 120 वर्ष पुराने कालका-शिमला रेलमार्ग का आस्तित्व खतरे में
punjabkesari.in Tuesday, Jul 18, 2023 - 09:40 PM (IST)

सोलन (नरेश पाल): भारी बारिश से हुए भू-स्खलन से 120 वर्ष पुराने विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलमार्ग का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। आंजी के पास भूस्खलन से जमीन खिसक कर टै्रक के पास पहुंच गई है। 43/08 प्वाइंट पर तो रेलवे ट्रैक राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर गिरने की कगार पर खड़ा है। 367 नम्बर बुर्जी के पास 2 स्थानों पर हुए भूस्खलन से रेलवे ट्रैक खतरे की जद्द में है। वार्ड नम्बर-1 में आदर्श विहार में रेलवे ट्रैक पर फिर से पत्थर गिरे हैं। यही कारण है कि रेलवे ने कालका-शिमला रेल सेवा को 6 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया है। प्रदेश में 8 से 10 जुलाई तक करीब लगातार 72 घंटे हुई भारी बारिश के कारण हुए परवाणू से शिमला के बीच में रेलवे ट्रैक पर हुए भूस्खलन के कारण रेल सेवा को पहले ही 17 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया था। 120 वर्षों में यह पहला मौका है जब इस रेलवे ट्रैक पर करीब एक महीने तक रेल सेवा बाधित रहेगी।
फोरलेन का निर्माण भी बड़ी वजह
फोरलेन का निर्माण भी इसकी एक बड़ी वजह है। परवाणू से कैथलीघाट तक रेलमार्ग चंडीगढ़-शिमला राष्ट्रीय उच्च मार्ग के साथ ही है। कहीं नैशनल हाईवे से ऊपर से गुजर रहा है तो कहीं राष्ट्रीय उच्च मार्ग रेलमार्ग के ऊपर है। जहां रेलमार्ग हाईवे के ऊपर है वहां पर हुए भूस्खलन से जमीन खिसकती हुई ट्रैक के पास पहुंच गई है। ट्रैक के साथ की जमीन पर दरारें पड़ी हुई हैं जहां पर ट्रैक के ऊपर से फोरलेन गुजर रहा है वहां पर नैशनल हाईवे के डंगे गिरे हुए हैं। कालका-शिमला रेलमार्ग प्रतिदिन कालका से शिमला की ओर 7 और शिमला से कालका की ओर 7 ट्रेनें चलती हैं। अब यह सभी बंद रहेंगी।
क्या बोले डीआरएम अंबाला
डीआरएम अंबाला मंडल मंदीप सिंह भाटिया ने बताया कि कालका-शिमला रेलमार्ग पर रेल सेवा 6 अगस्त तक के लिए स्थगित है। रेलमार्ग पर जगह-जगह पेड़ व पत्थर गिरे हैं। इसके अलावा लगातार मलबा गिर रहा है। इसकी वजह से यह निर्णय लिया गया है।
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