Hamirpur: खड्डों के सूखने से पेयजल परियोजनाओं पर मंडराने लगा खतरा

punjabkesari.in Wednesday, Apr 30, 2025 - 04:05 PM (IST)

नादौन (जैन): पानी सूख गया है, जिसके चलते कई पेयजल परियोजनाओं पर प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है। क्षेत्र की मान खड्ड पर लगभग 4 पेयजल योजनाएं चालू हैं और मान खड्ड का पानी लगभग सूख चुका है, जिससे इन परियोजनाओं पर सूखे का खतरा मंडराने लगा है। लोगों को स्वयं की जरूरत के साथ-साथ पशुओं के लिए भी पानी इकट्ठा करना पड़ता है। वहीं क्षेत्र के ज्यादातर हैंडपंप भी पीने योग्य पानी नहीं देते हैं, जिसके चलते शुद्ध जल की किल्लत लोगों को झेलनी पड़ सकती है। केवल ब्यास नदी की पेयजल परियोजनाएं सूखे की मार से बच सकती हैं, क्योंकि ब्यास नदी में जल स्तर लगभग गर्मियों में भी बना रहता है।

पहाड़ों पर बर्फ पिघलने से ब्यास नदी में पानी आता रहता है परंतु अन्य परियोजनाएं जमीनी पानी या छोटे नदी-नालों पर निर्भर हैं, जोकि गर्मी की मार से सूख जाते हैं। इन छोटे नदी-नालों में अवैध खनन की मार से सूखे की स्थिति बनी है, अन्यथा आज से 25 वर्ष पूर्व इन नदी-नालों में भी वर्षभर पानी रहता था। वहीं क्षेत्र में ठंडा जूस व कुल्फी-आईसक्रीम का व्यवसाय चल निकला है और दुकानों में खूब ठंडे उत्पादों की बिक्री हो रही है। नादौन का पारा लगभग 38 डिग्री तक पहुंच गया है, ऐसे में लोगों का दोपहर को घरों से निकलना मुश्किल हो गया है।

इस बारे जल शक्ति विभाग के एसडीओ इंजीनियर अमित चौधरी ने बताया कि अभी तक पानी की कोई समस्या नहीं है। उन्होंने बताया कि जहां-जहां से भी पेयजल की समस्या के बारे में शिकायतें मिल रही हैं, वहा तुरंत पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गर्मियों में किसी को भी पानी की दिक्कत न हो, इसलिए उपभोक्ताओं को समझदारी से काम लेना चाहिए और जरूरत के अनुसार ही पानी का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे सबको पानी मिलेगा और कोई भी पानी के अभाव में इधर-उधर नहीं भटकेगा।


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Content Writer

Kuldeep

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