हिमाचल के दवाई उद्योग को बदनाम करने की साजिश का हो पर्दाफाश : किशन कपूर

punjabkesari.in Thursday, Dec 01, 2022 - 07:17 PM (IST)

धर्मशाला (ब्यूरो): कांगड़ा-चम्बा के लोकसभा सदस्य किशन कपूर ने हिमाचल प्रदेश में निर्मित दवाइयों के सैम्पल फेल होने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के दवाई उद्योग की देश एवं प्रदेश में एक विशिष्ट पहचान रही है। देश के दवाई उद्योग में हिमाचल का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। देश के दवाई उद्योग को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के जाल से मुक्त करने और जैनरिक दवाइयों को बढ़ावा देने के संदर्भ में हिमाचल के दवाई उद्योग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सांसद किशन कपूर ने कहा कि हिमाचल में निर्मित दवाइयों के सैंपल फेल होने से हिमाचल के दवाई उद्योग की साख को बट्टा लगा है। ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया के मानकों के विपरीत इन दवाइयों के सैंपल फेल होने में जिन उच्च पदों पर आसीन लोगों की मिलीभगत रही है, उसकी व्यापक जांच की जानी चाहिए ताकि दोषियों का पर्दाफाश किया जाए और उन्हें कानून के अंतर्गत समुचित दंड दिया जा सके। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के प्रश्रय में नकली दवाइयों का धंधा फल-फूल रहा है उस संबंध में भी जांच की जाए।

किशन कपूर ने कहा कि प्रदेश के बद्दी, नालागढ़, बरोटीवाला, सोलन, कालाअंब और कांगड़ा में दवाई उद्योग निरंतर प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के फार्मा उद्योग की वैश्विक स्तर पर अपनी एक विशेष पहचान रही है। विश्व की दवाई जरूरतों का 60 प्रतिशत भारतीय दवाई उद्योग द्वारा पूरा किया जाता है। सैम्पल फेल होने की घटनाओं से देश के इस ख्याति प्राप्त उद्योग को वैश्विक स्तर पर भी धक्का पहुंचा है। फार्मा उद्योग की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए सैम्पल फेल मामलों की निष्पक्ष जांच करवाई जाए। यह मामला क्योंकि वैश्विक है हो सकता है इसमें विदेशी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की भी व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा के कारण कोई गहरी साजिश हो। उन्होंने कहा कि हिमाचल के श्रमजीवी और शांतिप्रिय लोग प्रदेश को इस आरोप से मुक्त देखना चाहते हैं।

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Content Writer

Vijay

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