ITI मंडी ने वर्चुअल मनाया 8वां दीक्षांत समारोह, 383 विद्यार्थियों को बांटीं डिग्रियां

punjabkesari.in Sunday, Dec 13, 2020 - 07:13 PM (IST)

मंडी (पुरुषोत्तम): भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी का 8वां दीक्षांत समारोह इस बार वर्चुअल ही सम्पन्न हुआ, जिसमें 383 विद्यार्थियों (321 छात्र एवं 62 छात्राओं) को डिग्रियां प्रदान की गईं। मुख्यातिथि पद्म विभूषण डॉ. आरए माशेेलकर ने आयोजन की गरिमा बढ़ाते हुए कहा कि मैं ग्रैजुएटिंग क्लास के विद्यार्थियों के माता-पिता और विद्यार्थियों को बधाई देता हूं। बच्चों के लिए माता-पिता का सबसे अच्छा उपहार शिक्षा है और आप सभी सौभाग्यशाली हैं कि आईआईटी मंडी ने आपको तमाम कौशल और साधन सम्पन्न बनाया है ताकि आप आने वाली चुनौतियों का पूरे आत्मविश्वास से सामना कर सकें। अभूतपूर्व महामारी से बचते और उबरते हुए हमारे सामने नई सोच, नई कल्पना और खुद को रीन्वेंट करने का भी अवसर है ताकि हम हमारे सपनों का आत्मनिर्भर भारत बना सकें।

अनुसंधान परियोजनाएं प्राप्त करना अपने आप में एक उत्कृष्ट उपलब्धि : प्रेमव्रत

इस अवसर पर आईआईटी मंडी के बोर्ड ऑफ  गवर्नर्स के अध्यक्ष प्रेमव्रत ने दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आईआईटी मंडी में रहते हुए विद्यार्थियों ने जो ज्ञान और कौशल अर्जन और जो सदाचार ग्रहण किया है, वह आने वाले वर्षों के दौरान उन्हें नई ऊंचाई तक ले जाएगा। संस्थान ने पिछले एक दशक में अनुसंधान, सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में अपनी पहचान कायम की है। अब तक 100 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली अनुसंधान परियोजनाएं प्राप्त करना अपने आप में एक उत्कृष्ट उपलब्धि है।

कमांद में 110 करोड़ की लागत से बनेगा टैक्नोलॉजी इनोवेशन हब

निदेशक प्रो. अजीत के. चतुर्वेदी ने कहा कि मुझे गर्व है कि इस साल महामारी की तमाम बाधाओं के बावजूद आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने निरंतर शोध कार्य करते हुए 300 ‘पीयर-रिव्यूड’ प्रकाशन किए। आईआईटी मंडी शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के इनोवेशन सैल द्वारा संस्थानों की इनोवेशन उपलब्धियों की अटल रैंकिंग में भी 7वें स्थान पर रहा। पिछले 10 वर्षों में आई.आई.टी. मंडी अंतर्राष्ट्रीय विद्याॢथयों और शिक्षकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है और विद्याॢथयों एवं शिक्षकों के आदान-प्रदान से व्यापक शिक्षा जगत के साथ हमारा संपर्क बढ़ा है, साथ ही सांझा शोध प्रोजैक्ट और सहमति करार किए गए हैं। संस्थान डीएसटी के सहयोग से 110 करोड़ रुपए की लागत से टैक्नोलॉजी इनोवेशन हब (टीआईएच) बना रहा है जो मनुष्य-कम्प्यूटर आपसी संपर्क के क्षेत्र में है और इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम के राष्ट्रीय मिशन के अधीन कार्य करेगा। 

आईआईटी मंडी ने देश और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में मुकाम बनाया : नीलोत्पल दत्ता

भारत के राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक और संस्थान के रजत पदक विजेता नीलोत्पल दत्ता ने कहा कि आईआईटी मंडी कई खास खूबियों का अनोखा मेल है। मेरे ग्रैजुएटिंग क्लास की ओर से मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमने संस्थान को बढ़ते देखा है। संस्थान का अनोखा शैक्षिक पाठ्यक्रम है जो पारंपरिक सीमाओं के परे भी कोर्स और प्रोजैक्ट चुनने की आजादी देता है। हमारे बीच कई स्टार्टअप के को-फाऊंडर हैं और मेरा मानना है कि इन सबसे मिलकर आईआईटी मंडी ने देश और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में मुकाम बनाया है।

नीलोत्पल दत्ता को राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से नवाजा

भारत के राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक बीटैक मैकेनिकल इंजीनियरिंग 2020 बैच के नीलोत्पल दत्ता तथा निदेशक का स्वर्ण पदक बीटैक कम्प्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग 2020 बैच के आनंद रामरखयानी को दिया गया। इसके अलावा पीएचडी में 39, एमएस (शोध से) 11, एम.टैक. 97, मैकेनिकल इंजीनियरिंग 23, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग 17, पावर इलैक्ट्रॉनिक्स एवं ड्राइव्स 14, एनर्जी इंजीनियरिंग 14, कम्युनिकेशन्स एवं सिग्नल प्रोसैसिंग 10, बायोटैक्नोलॉजी 10, इलैक्ट्रीकल इंजीनियरिंग 9, एमएससी 77, अप्लाइड मैथेमैटिक्स 29, रसायन विज्ञान 26, भौतिकी 22, एमए 12 विकास अध्ययन 12, बीटैक 147, कम्प्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग 60, इलैक्ट्रीकल इंजीनियरिंग 41, मैकेनिकल इंजीनियरिंग 26 व सिविल इंजीनियरिंग में 20 को डिग्रियां प्रदान की गईं।


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Vijay

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