International Kullu Dussehra: 332 देवी-देवताओं को भेजे निमंत्रण, उत्सव की तैयारियां शुरू

punjabkesari.in Monday, Aug 25, 2025 - 05:19 PM (IST)

कुल्लू (शम्भू): अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के लिए दशहरा समिति द्वारा 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण पत्र भेजे गए हैं। 2 से 8 अक्तूबर तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के लिए प्रशासन ने आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं। उत्सव में बिना निमंत्रण के भी कई देवी-देवता आते हैं, उनका भी प्रशासन स्वागत करेगा और उन्हें बैठने के लिए स्थान दिया जाएगा। डीसी एवं अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव समिति की उपाध्यक्ष तोरूल एस. रवीश ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव देवी-देवताओं के समागम के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। यह उत्सव लोगों की आस्था एवं परम्पराओं से जुड़ा है। दशहरा उत्सव के लिए निमंत्रण समिति ने आनी व निरमंड जैसे दूरस्थ क्षेत्रों के देवी-देवताओं सहित कुल्लू, मनाली, सैंज और बंजार क्षेत्र के देवताओं को भी निमंत्रण पत्र भेज दिए हैं।

डीसी ने कहा कि जिला कुल्लू की विभिन्न घाटियों के देवी-देवता दशहरा उत्सव में शामिल होते हैं। कुल्लू जिले के रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज मंदिरों के देवी-देवता को दशहरा समिति द्वारा निमंत्रण पत्र भेजा जाता है। यह निमंत्रण पत्र तहसीलदार के माध्यम से भेजे जाते हैं। आमंत्रित देवी-देवताओं के ठहरने का स्थान, बिजली, पानी और सुरक्षा की व्यवस्था दशहरा कमेटी द्वारा की जाती है, साथ ही सरकार द्वारा तय नियमानुसार नजराना भेंट किया जाता है। ठहरने के लिए टैंट उन्हें पहले ही उपलब्ध करवा दिए गए हैं।

पिछले वर्ष उत्सव में शामिल हुए थे 315 देवी-देवता
डीसी ने कहा कि पिछले वर्ष 315 देवी-देवता दशहरा उत्सव में शामिल हुए थे। इस बार गत वर्ष की अपेक्षा अधिक देवी-देवता के शामिल होने की आशा है। दशहरा में आने वाले देवी-देवता ढालपुर मैदान और आसपास के चिन्हित स्थानों पर अस्थायी शिविरों में ठहरेंगे। 7 दिनों तक दशहरा उत्सव के दौरान भगवान रघुनाथ भी ढालपुर में अस्थायी शिविर में रहकर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देंगे।

नजराना राशि के आबंटन में न हो भेदभाव
उधर, मंगलेश्वर महादेव के कारदार नानक चंद नेगी व पूर्व बीडीसी सदस्य ओम प्रकाश ने कहा कि मंगलेश्वर महादेव का हारियान क्षेत्र बहुत बड़ा है। देवता के हारियान क्षेत्र में छेंऊर, चौहकी, कन्हा, कोट, जछणी, सेऊंड, फागू, पैनीसेरी, शरण व चकरींगा सहित अन्य कई गांव आते हैं। देवता को करीब 25 हजार रुपए नजराना मिलता है। उन्होंने कहा कि कई देवी-देवता महज एक गांव या एक परिवार के ही हैं और उन्हें इससे भी काफी ज्यादा नजराना मिलता है। इस प्रकार की विसंगति को दूर किया जाना चाहिए और बड़े हारियान क्षेत्र वाले देवता को उचित नजराना राशि मिलनी चाहिए।


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Vijay

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