IGMC में नहीं मिल रहे टैटनस के इंजैक्शन, लोग बाहर से खरीदने को मजबूर

punjabkesari.in Saturday, Mar 06, 2021 - 12:14 AM (IST)

शिमला (जस्टा): आईजीएमसी में जहां प्रशासन नि:शुल्क दवाइयां व इंजैक्शन को लेकर एक से बढ़कर एक दावे कर रहा है। वहीं प्रशासन के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। हैरानी की बात है कि आईजीएमसी में टैटनस का इंजैक्शन तक उपलब्ध नहीं है। अगर कोई गिरने या कुत्ते के काटने के लोग अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में पहुंचता है तो उन्हें चिकित्सक द्वारा सबसे पहले बाजार में इंजैक्शन के लिए दौड़ाया जाता है। अस्पतालों में सरकार ने टैटनस इंजैक्शन बिल्कुल फ्री किए हैं लेकिन इन सब सुविधा से लोग वंचित रह रहे हैं। यहां पर सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि जब हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल के ही इतने बुरे हाल हैं तो प्रदेश के बाकि अस्पतालों की क्या स्थिति होगी। आईजीएमसी में इन दिनों 15 से 20 गिरने व कुत्ते के काटने के मामले आ रहे हैं। उसके बाद भी आपातकालीन वार्ड में यह इंजैक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी आपातकालीन वार्ड की सुध तक नहीं ले रहे हैं। आपातकालीन वार्ड रामभरोसे चला हुआ है। टैटनस के इंजैक्शन के लिए लोग दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो रहे हैं।

ऐसे हुआ टैटनस के इंजैक्शन खत्म होने का खुलासा

आईजीएमसी में टैटनस के इंजैक्शन खत्म होने का खुलासा तब हुआ जब एक व्यक्ति आपातकालीन वार्ड में उपचार के लिए पहुंचा। जब व्यक्ति ने टैटनस के इंजैक्शन लगाने से संबंधित पूछा तो चिकित्सक ने उन्हें तुरंत पहले इंजैक्शन के लिए दौड़ाया। हद तो यह है कि आईजीएमसी के बाहर जन औषधि सहित सिविल सप्लाई की दुकानों में भी यह इंजैक्शन नहीं मिला। बाद में व्यक्ति के परिजनों को बाजार जाना पड़ा और तभी वहां से इंजैक्शन खरीदा।

सिविल सप्लाई के दुकानदार नहीं रखते इंजैक्शन

सिविल सप्लाई के  दुकानदार टैटनेस के इंजैक्शन नहीं रखते हैं। वह इसलिए नहीं रखते हैं, क्योंकि आईजीएमसी में यह इंजैक्शन नि:शुल्क मिलता है। दुकानदारों का कहना है कि अगर वे टैटनेस के इंजैक्शन नहीं मंगवाते हैं, तो वे बिकते नहीं हैं। अगर आईजीएमसी में अंदर यह इंजैक्शन नि:शुल्क न होता तो सिविल सप्लाई की दुकानों में यह आसानी से मिल जाता है। आईजीएमसी में यह इंजैक्शन उपलब्ध न होना एक बहुत बड़ी लापरवाही है।

दवाइयों के लिए भी भटकते हैं मरीज

आईजीएमसी में दवाइयों के लिए भी मरीज दर-दर भटकते हैं। खासकर आधे से ज्यादा आइज व स्किन की दवाइयां नहीं मिलती हैं। यह दवाइयां न तो जनऔषधि की दुकान में मिलती हैं और न ही सिविल सप्लाई की दुकानों में मिलती हैं। मजबूरन मरीजों को बाजार से दवाइयां खरीदने जाना पड़ता है। आईजीएमसी में नि:शुल्क दवाइयों के लिए जैनरिक स्टोर तो डिस्काऊंट में दवाइयां मिलने के लिए सिविल सप्लाई की दुकानों को खोला गया है लेकिन यहां पर मरीजों को इसका कोई फायदा नहीं हो रहा है। आईजीएमसी में मरीज काफी परेशान हो रहे हैं।

क्या बोले आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी

आईजीएमसी डाॅ. राहुल गुप्ता ने बताया कि टैटनस के इंजैक्शन जल्द ही उपलब्ध करवाए जाएंगे। किन्हीं कारणों के चलते कंपनी से इंजैक्शन नहीं आ पाए हैं, ऐसे में जो पिछला स्टॉक हमारे पास था वह खत्म हो गया है। मरीजों को ज्यादा दिक्कतें नहीं आने दी जाएंगी। कोशिश की जा रही है कि इंजैक्शन शीघ्र-अतिशीघ्र उपलब्ध हो ताकि अस्पताल में आकर मरीज आसानी से अपना उपचार करवा सकें।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vijay

Recommended News

Related News