नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के दोषियों को आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा

punjabkesari.in Tuesday, Oct 18, 2022 - 06:16 PM (IST)

मंडी (रजनीश): विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) जिला मंडी की अदालत ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के दोषियों को विभिन्न धाराओं में कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है। उपजिला न्यायवादी मंडी उदय सिंह ने बताया कि पीड़िता के माता-पिता ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उनकी नाबालिग बेटी 21 दिसम्बर, 2019 को पीड़िता स्कूल गई लेकिन घर नहीं लौटी। उन्होंने संदेह जताया कि कोई अनजान व्यक्ति उनकी बेटी को भगा कर ले गया है। परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने पीड़िता की तलाश शुरू कि और जब वह मिली तो उसने बताया कि वह 21 दिसम्बर को स्कूल के बाद अपनी सहेली के साथ मंदिर गई थी। वहां पर 3 लड़के मौजूद थे, जिनमें से 2 लड़कों काे वह नाम से जानती थी और तीसरे का नाम नहीं पता था। उन्होंने पीड़िता से उसका मोबाइल नंबर मांगा और फिर उसको बहला-फुसलाकर अपने कमरे में ले गए। उन्होंने 21 दिसम्बर से 22 दिसम्बर तक उसे कमरे में रखा और बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। 22 दिसम्बर को उनमें से एक लड़का उसे अपने दोस्त के कमरे में ले गया और वहां पर भी उस लड़के ने उसके साथ दुष्कर्म किया। 

इसके बाद पीड़िता के परिजनों ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया। मामले की छानबीन के दौरान पुलिस ने 3 आरोपियों हरीश कुमार, प्रशान्तो नाथ और लोकेश कुमार काे गिरफ्तार किया। उक्त मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 27 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाए। अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने दोषी हरीश कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के तहत 7 वर्ष कठोर कारावास के साथ 2000 रुपए जुर्माना, धारा 376डी (ए) के तहत आजीवन कारावास के साथ 25000 रुपए जुर्माना, धारा 376 (3) के तहत 20 वर्ष कठोर कारावास के साथ 25000 रुपए जुर्माना व पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत 20 वर्ष कठोर कारावास के साथ 25000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

वहीं दोषी प्रशान्तो नाथ को भारतीय दंड सहिंता की धारा 363 के तहत 7 वर्ष कठोर कारावास के साथ 2000 रुपए जुर्माना, धारा 376डी (ए) के तहत आजीवन कारावास के साथ 25000 रुपए जुर्माना, धारा 376 (3) के तहत 20 वर्ष कठोर कारावास के साथ 25000 रुपए जुर्माना, पोक्सो अधिनियम की धारा 4 के तहत 20 वर्ष कठोर कारावास के साथ 25000 रुपए जुर्माना और पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत 20 वर्ष कठोर कारावास के साथ 25000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषियों को 6-6 महीने के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सुनाई। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। उक्त मामले का तीसरा दोषी नाबालिग है इसलिए उसके खिलाफ मामला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के पास विचाराधीन है।

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Content Writer

Vijay

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