मानवाधिकार आयोग ने तेंदुए को दी मारने की इजाजत

punjabkesari.in Thursday, Nov 11, 2021 - 10:42 AM (IST)

शिमला : हिमाचल प्रदेश में तेंदुए द्वारा कनलोग में पांच साल की बच्ची को उठाने और फिर उसे मार देने के बाद मानवा अधिकार आयोग ने आदेश जारी किए हैं। मानवाधिकार आयोग ने तेंदुए को तत्काल जिंदा पकड़ने या तुरंत मारने के आदेश जारी किए हैं। आयोग ने आदेश सभी पक्षों को सुनने और आयोग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट आने के बाद जारी हुए हैं। इसके साथ ही आयोग ने  एक महीने के भीतर आसपास के सभी तेंदुओं को भी चिह्नित और टैग करने के लिए कहा है। साथ ही बच्ची की दादी को भी चार लाख रुपये की पूरी मुआवजा राशि देने के आदेश दिए हैं। यह आदेश ठीक ऐसे वक्त में आया है, जब डाउनडेल में दिवाली की रात एक और बच्चे को तेंदुआ उठा ले गया था। इससे पहले कनलोग में 5 अगस्त 2021 को पांच साल की बच्ची को तेंदुआ उठा ले गया था। 

आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीएस राणा और सदस्य डॉ. अजय भंडारी ने निर्णय में कहा कि यह मानवाधिकार हनन का मामला है। इस तेंदुए को मानव जीवन के लिए खतरा घोषित किया जाता है। तेंदुए ने इस छोटी बच्ची को इरादतन और पहले से ही सुनियोजित तरीके से मारा। अगर उस आदमखोर तेंदुए को पकड़ा जाना संभव नहीं है तो उसे तत्काल मारा जाना चाहिए। डीएफओ शहरी शिमला एवं वाइल्ड लाइफ वार्डन तेंदुए का तत्काल डेथ वारंट जारी करें। बच्ची की दादी को चार लाख रुपये की सारी धनराशि जारी करने के भी आदेश किए हैं। अभी वन विभाग ने बच्ची की दादी को एक लाख रुपये की राशि जारी करने को कहा है। आदेश में कहा गया कि विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे और कैमरा ट्रैप एक महीने के अंदर लगाए जाएं। आसपास के क्षेत्रों में एक महीने के अंदर फोरेस्ट फेंस वायर लगाने के भी आदेश दिए हैं। आयोग ने कहा कि जीने का अधिकार एक संविधान के तहत प्रदत्त अधिकार है। ऐसी स्थिति में मानवाधिकार आयोग की मनुष्य जीवन की रक्षा करना कानूनी बाध्यता है। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

prashant sharma

Recommended News

Related News