Himachal: जंगल का रक्षक है यह ''कुत्ता'', तेंदुए जैसे खतरनाक जानवरों को भी देता है मात

punjabkesari.in Monday, May 12, 2025 - 04:53 PM (IST)

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश, खासकर मंडी जिले के पहाड़ी इलाकों में एक खास और शक्तिशाली कुत्ते की नस्ल पाई जाती है, जिसे गद्दी कुत्ता कहा जाता है। यह कुत्ता अपनी बहादुरी और ताकत के लिए जाना जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह इतना निर्भीक होता है कि जरूरत पड़ने पर तेंदुए जैसे खतरनाक जानवर से भी भिड़ने में नहीं हिचकिचाता। कई मौकों पर तो गद्दी कुत्तों के जोड़े ने मिलकर तेंदुए को भी मात दी है, जिससे तेंदुए भी इनसे डरते हैं।

इंसानों के लिए है उपयोगी साबित 

यह नस्ल इंसानों के लिए बहुत उपयोगी साबित होती है, खासकर गद्दी समुदाय के लोगों के लिए। ये लोग मुख्य रूप से भेड़ और बकरियां पालते हैं, और गद्दी कुत्ते उनके साथ ऊंचे पहाड़ों पर जाते हैं। ये कुत्ते अपनी समझदारी और फुर्ती से भेड़-बकरियों के झुंड को नियंत्रित रखते हैं और उन्हें भटकने से बचाते हैं। इतना ही नहीं, रात के समय जब भेड़-बकरियां आराम करती हैं, तो ये गद्दी कुत्ते उनकी रखवाली करते हैं और किसी भी खतरे से उन्हें सुरक्षित रखते हैं। अमूमन, इन कुत्तों को जोड़ों में पाला जाता है, जिससे उनकी सुरक्षा क्षमता और भी बढ़ जाती है।

गद्दी कुत्ते सिर्फ मददगार ही नहीं, बल्कि स्वभाव से बहुत ताकतवर और खतरनाक भी होते हैं। कई बार ऐसा देखा गया है कि रात के अंधेरे में गद्दी कुत्तों के एक जोड़े ने मिलकर पहाड़ी तेंदुए को भी मार गिराया है। इस कारण तेंदुए अक्सर भेड़-बकरियों के झुंड से दूरी बनाए रखते हैं, क्योंकि उन्हें गद्दी कुत्तों का खौफ होता है। ये वफादार कुत्ते रात भर अपनी भेड़ों और बकरियों की चौकसी करते हैं और किसी भी असामान्य गतिविधि या खतरे की आहट होने पर अपने मालिक, यानी भेड़ पालक को भौंककर जगा देते हैं, इस प्रकार ये एक अलार्म की तरह भी काम करते हैं।

खाने के समय नहीं करते डिस्टरबेंस बर्दाश्त 

हालांकि, इन कुत्तों के स्वभाव का एक पहलू यह भी है कि जब ये खाना खा रहे होते हैं, तो इन्हें बिल्कुल भी व्यवधान पसंद नहीं होता। यहां तक कि अगर उनका मालिक भी उन्हें खाना देने के बाद उनके पास जाता है, तो कई बार ये उसे भी काट लेते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि खाने के समय उन्हें किसी भी प्रकार की डिस्टरबेंस बर्दाश्त नहीं होती।

इनकी सुरक्षा और तेंदुए के हमलों से बचाव के लिए, इनके मालिक इनके गले में लोहे का एक विशेष पट्टा पहनाते हैं। यह पट्टा इतना मजबूत होता है कि तेंदुए के दांत या पंजे भी इसे भेद नहीं पाते, जिससे लड़ाई के दौरान कुत्ते की गर्दन सुरक्षित रहती है। यही मुख्य कारण है कि तेंदुआ भी मुठभेड़ के समय इस कुत्ते का कुछ बिगाड़ नहीं पाता और गद्दी कुत्ता सुरक्षित रहता है।


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Content Editor

Jyoti M

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