Himachal: पहली बार किन्नौर की ठंडी वादियों में पहुंचा ये ''अजनबी'' मेहमान, विशेषज्ञ भी हैरान!
punjabkesari.in Wednesday, Oct 29, 2025 - 10:30 AM (IST)
शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर के कूपा डैम व रक्छम के पास पहली बार ग्रे हेरॉन (अर्डिया सिनेरिया) देखा गया है। जिले में इस वैरायटी का पक्षी लगातार 2 दिन तक देखा गया। इसी के साथ हिमाचल प्रदेश के पक्षी-विविधता रिकाॅर्ड में यह एक और उपलब्धि मानी जा रही है। यह पक्षी पहले जिले के कूपा डैम के पास वन्य प्राणी विशेषज्ञ डाॅ. शिवानी और पक्षी प्रेमी महेश द्वारा देखा गया, जबकि अगले दिन इसे दोबारा डिप्टी रेंज ऑफिसर संतोष ठाकुर और वन मित्र अल्पना ने रक्छम के घास के मैदानों में देखा। लगातार 2 दिनों तक इस पक्षी की उपस्थिति जिले के पक्षी विविधता रिकॉर्ड की प्रामाणिकता को और मजबूत करती है।
हिमालय के ऊंचे और ठंडे इलाकों में बहुत कम दिखता है ग्रे हेरॉन
ग्रे हेरॉन एक बड़ा और सुंदर जल-पक्षी है, जो भारत के मैदानी इलाकों, झीलों और नदी तटों पर आम तौर पर पाया जाता है। हालांकि यह हिमालय के ऊंचे और ठंडे इलाकों में बहुत कम दिखता है। किन्नौर की कठोर घाटियों में इसका दिखना संभवतः इसके मौसमी प्रवास (माइग्रेशन) के दौरान हुआ होगा, जब यह बस्पा घाटी की नदी-नालियों का उपयोग विश्राम स्थल के रूप में करता है। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार यह किसी स्थायी निवास विस्तार का संकेत नहीं है। इस प्रजाति की आबादी उत्तरी और ऊंचे अक्षांशों से सर्दियों में लंबी दूरी और ऊंचाई बदलते हुए प्रवास करती है। डिप्टी रेंज ऑफिसर संतोष ठाकुर ने कहा कि यह अवलोकन इस बात को रेखांकित करते हैं कि नदी तटीय क्षेत्र और ऊंचाई वाले आर्द्र स्थल प्रवासी जल-पक्षियों के लिए कितने महत्वपूर्ण विश्राम और ईंधन-स्थल (स्टॉपओवर साइट) हैं। ऐसे नाजुक आवासों का संरक्षण आवश्यक है, ताकि हिमालय से गुजरने वाले प्रवासी पक्षियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा सके।
वर्ष 2018 में स्पीति की पिन वैली में दिखा था ग्रे हेरॉन
वर्ष 2018 में स्पीति की पिन वैली में भी ग्रे हेरॉन को दर्ज किया गया था। इससे यह संकेत मिलता है कि यह प्रजाति समय-समय पर ऊपरी हिमालयी क्षेत्रों से होकर गुजरती है और संभवतः यह क्षेत्र इसके एक अल्पज्ञात प्रवासी मार्ग (माइग्रेटरी रूट) का हिस्सा हो सकता है, जो निचले हिमालय के आर्द्र क्षेत्रों को ट्रांस-हिमालयी पठारों से जोड़ता है।
रक्छम क्षेत्र में ईको टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा : अशोक नेगी
उप अरण्यपाल सराहन अशोक नेगी ने ने कहा कि किन्नौर क्षेत्र प्रवासी पक्षियों के लिए बहुत ही उपयुक्त स्थान है। एक-दो माह पहले भी संतोष ठाकुर व अल्पना ने पहली बार पीला बगुला व आईबिस पक्षी को पहली बार देखा था। ऐसे में साफ है कि क्षेत्र में कई तरह के प्रवासी पक्षी दिखने से इस क्षेत्र में ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।

