फर्जी डिग्री मामला : अब यूपी पहुंची सीआईडी टीम

punjabkesari.in Saturday, Jan 16, 2021 - 11:34 AM (IST)

शिमला : हिमाचल प्रदेश में फर्जी डिग्री मामले में फंसी एपीजी यूनिवर्सिटी के खिलाफ सीआईडी की जांच दायरा अब राज्य बाहर की ओर बढ़ गया है। दिल्ली में दबिश देने के बाद जांच टीम ने यूपी का रूख किया है। सूत्रों के अनुसार, जांच टीम ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर और अलीगढ़ में छानबीन की है। जिन छात्रों को डिग्रियां दी हई हैं, उस संबंध में तथ्य खंगाले जा रहे हैं और पूछताछ भी की जा रही है। जानकारी के अनुसार यूपी के बाद टीम फिर से दिल्ली में डेरा जमाएगी। जांच को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी फीडबैक लिया है। 13 जनवरी को सीएम ने सीआईडी के एडीजीपी एन. वेणुगोपाल से अब तक की जांच के बारे में फीडबैक लिया है। इस बाबत किसी अधिकारी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है, हालांकि एन.वेणुगोपाल ने बीते हफ्ते कहा था कि जांच को लेकर डीजीपी संजय कुंडू ही जानकारी देंगे। 

सूत्रों की माने तो 4 सदस्यीय टीम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों से पूछताछ कर रही है। एलएलबी के शैक्षणिक सत्र 2014-17 के दौरान जिन छात्रों को डिग्रियां दी गई हैं, उसको लेकर छानबीन की जा रही है। सीआईडी को शक है कि ज्यादातर छात्रों ने केवल कागजों में एडमिशन ली थी और क्लास में नजर नहीं आए। गत दिनों शिमला में सीआईडी ने एक कोर्स के छात्र से पूछताछ की थी। उससे पूछा गया था कि दिल्ली क्षेत्र के जिन छात्रों को डिग्रियां दी गई हैं, क्या वो छात्र उसके क्लासमेट हैं या नहीं। छात्र ने उन्हें पहचानने से इनकार किया था। सीआईडी ने एक प्रश्नावली तैयार की है, उन छात्रों से कोर्स, क्लासमेट और टीचर्स से लेकर अन्य तमाम तरह के प्रश्न पूछे जाएंगे, ताकि इस बात का पता चल सके कि उन्होंने सही मायनों में यहां पर पढ़ाई की है या फिर फर्जी तरीके से डिग्री हासिल की है। मुख्यतः बी.टेक, लॉ और बीबीए कोर्स के पासऑउट छात्रों से पूछताछ की संभावना है। 

सूत्रों ने पहले खुलासा किया था कि सीआईडी जांच में अब तक एपीजी यूनिवर्सिटी की लगभग 45 डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं। जांच जारी है और फर्जी डिग्रियों संख्या बढ़ सकती है। बीएएलएलबी, एलएलबी और बीबीए कोर्सिज की डिग्रियां फर्जी होने की सूचना है। बीएएलएलबी के 2013 बैच की 2, एलएलबी के 2014 की 26 और इसी बैच में दो छात्रों की फर्जी एडमिशन भी सामने आई है। इसके अलावा 2015 बैच के बीबीए कोर्स की 11 डिग्री फर्जी पाई गई हैं। इसके अलावा बीटेक, एमबीए, फैशन डिजाइनिंग, बीएचएम समेत अन्य कई कोर्सों की जांच भी जारी है। अब दिल्ली और यूपी से कुछ पुख्ता सबुत मिलने की उम्मीद है। जानकारी ये भी है कि इस मामले में जो एक गवाह है,उसने ई-मेल के जरिए अपना बयान दर्ज किया था. ये गवाह एपीजी विश्वविद्यालय का पूर्व शिक्षक है और अभी राज्य से बाहर होने के चलते ये बयान ई-मेल के जरिए दिया गया था। 

बता दें कि इस मामले में एपीजी विवि पर फर्जी डिग्रियां बनाने और बेचने का आरोप है। एपीजी के खिलाफ सीआईडी पुलिस स्टेशन भराड़ी में 2 मई 2020 को एफआईआर दर्ज हुई है। जिस पर जांच चल रही है। सूत्रो के अनुसार, एपीजी विवि के एक पूर्व छात्र ने सीआईडी के पास अपने बयान दर्ज करवाए थे। एपीजी ने जो रिकार्ड दिया है, उसके अनुसार 2014-2017 सत्र में एलएलबी कोर्स में यूनिवर्सिटी की ओर से 33 डिग्रियां दी गई, लेकिन इस पूर्व छात्र के बयान के अनुसार, उसके साथ केवल 9 छात्र ही पढ़े हैं। ये पूर्व छात्र वर्तमान में नौकरी करता है और इसने शैक्षिणक सत्र 2014-17 में एलएलबी का कोर्स किया है। छात्र के बयान सीआईडी थाना में दर्ज करवाए गए हैं।
 


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prashant sharma

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