कुल्लू प्रकरण : DIG ने पुलिस मुख्यालय को सौंपी प्रारंभिक रिपोर्ट, DGP करेंगे अध्ययन

punjabkesari.in Saturday, Jun 26, 2021 - 10:04 PM (IST)

शिमला (जस्टा): कुल्लू के भुंतर स्थित हवाई अड्डे पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के दौरे के दौरान हुई घटना के मामले को लेकर डीआईजी सैंट्रल रेंज मधुसूदन ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंप दी है। डीआईजी ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए हैं। अब डीजीपी रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे और उसके बाद रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। अंतिम निर्णय फिर सरकार लेगी।

आईपीएस व एचपीएस अधिकारियों के लिए एडवाइजरी जारी

कुल्लू में हुई इस घटना के बाद अब पुलिस मुख्यालय हरकत में आ गया है, ऐसे में पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू की तरफ से शनिवार को आईपीएस व एचपीएस अधिकारियों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है। पुलिस महानिदेशक ने जारी की एडवाजरी में कहा कि अधिकारियों व आम जनता के साथ बातचीत करते समय पुलिस अधिकारियों को हमेशा शांत रहना चाहिए, चाहे कोई उकसाने का मामला भी हो। ऐसी स्थिति से पुलिस अधिकारियों को सही तरीके से निपटना चाहिए। डीजीपी का कहना है कि पुलिस अधिकारियों को यह याद रखना चाहिए कि उन्हें राज्य के कल्याण के लिए कार्य करना है और उनका प्राथमिक कर्तव्य जनता की सेवा करना है। उन्हें कभी भी अधिकारी की कत्र्तव्य भावना नहीं खोनी चाहिए।

अपनी कमजोरियों व व्यक्तित्व में कमियों की पहचान करें

सभी पुलिस अधिकारियों को अपनी कमजोरियों व उनके व्यक्तित्व में कमियों की पहचान करनी चाहिए और इनके निराकरण के लिए वे विभाग के भीतर किसी ऐसे व्यक्ति से मदद ले सकते हैं, जिसके साथ वे सहज हों। इसके अलावा वे पेशेवर की भी मदद ले सकते हैं। क्रोध या अवसाद जैसी समस्याओं का समाधान तभी किया जा सकता है, जब उनसे पीड़ित व्यक्ति इसे स्वीकार करने को तैयार हो जाए। ड्यूटी के निर्वहन के दौरान वर्दी में अधिकारी के अशोभनीय किसी भी आचरण से सख्ती से बचना चाहिए।

आपसी सहयोग पर निर्भर करता है पुलिस का सारा काम

एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि पुलिस का सारा काम आपसी सहयोग पर निर्भर करता है। सार्वजनिक समारोहों और वीवीआईपी ड्यूटी के दौरान यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इसके अलावा पुलिस अधिकारियों को ये भी समझने की जरूरत है कि हिमाचल पुलिस में हम सभी पेशेवर सहयोगी हैं, चाहे वह कांस्टेबल हो या अधिकारी हो, एक ही वर्दी पहने सभी एक ही लोकाचार से बंधे हैं। सभी पुलिस अधिकारियों को दिशा-निर्देशों के बारे में युक्तियुक्त व्यवहार करना सीखना चाहिए। उन्हें अक्सर बिना किसी अग्रिम तैयारी के वास्तविक समय में संकटों और स्थितियों का जवाब देने की जरूरत होती है।

प्रशिक्षण केंद्रों के प्राधानाचार्यों को दिए ये निर्देश

डीजीपी ने जारी की गई एडवाजरी में प्रशिक्षण केंद्रों के प्राधानाचार्यों को ये निर्देश दिए हैं कि प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में मॉक एक्सरसाइज, मॉकड्रिल इत्यादि शामिल करें ताकि दबाव में होने पर संयम और शिष्टता के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा सके।

घटना से पिछले एक साल के कार्यों पर भी पड़ा असर

डीजीपी ने कहा कि इस घटना से न केवल प्रदेश पुलिस की छवि धूमिल हुई है, बल्कि पुलिस के पिछले एक वर्ष के दौरान किए गए बेहतर कार्यों पर भी असर डाला है। उन्होंने कहा कि इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इससे जनता की तरफ से नकारात्मक और अत्यधिक अप्रतिष्ठित सार्वजनिक प्रतिक्रिया मिल रही है।


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Vijay

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