Kangra: तिब्बत में चीनी कम्युनिस्टों का शासन जारी, चीनी लोग बौद्ध धर्म और नालंदा परंपरा में ले रहे रुचि : दलाईलामा
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 09:37 PM (IST)

धर्मशाला (ब्यूरो): मैक्लोडगंज में शनिवार को दलाईलामा की दीर्घ आयु के लिए ताइवान के लोगों के समूह ने एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया। दलाईलामा ने कहा कि तिब्बत में चीनी कम्युनिस्टों का शासन जारी है, फिर भी काफी संख्या में चीनी लोग बौद्ध धर्म और नालंदा परंपरा में रुचि ले रहे हैं। ऐतिहासिक रूप से चीन एक बौद्ध भूमि था और ऐसा लगता है कि बौद्ध धर्म अभी भी वहां पुनः स्थापित हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस संभावना को प्रोत्साहित करने के लिए जो कुछ भी वे कर सकते थे, वह किया है और जीवन भर ऐसा करते रहेंगे। दलाईलामा ने घोषणा की कि वे बोधिचित्त के विकास और बोधिसत्व व्रत लेने का समारोह आयोजित करेंगे। उन्होंने अपने श्रोताओं को सलाह दी कि वे अपने सामने बुद्ध, उनके 7 उत्तराधिकारियों, मंजुश्री, मैत्रेय और भारत एवं तिब्बत के महान आचार्यों की कल्पना करें।
दलाईलामा ने कहा कि हम सभी समान हैं, क्योंकि हम सभी सुखी रहना चाहते हैं और हममें से कोई भी दुख नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि दुनिया में कई धार्मिक मार्ग हैं, लेकिन तिब्बत में हम नालंदा परंपरा का पालन करते हैं और नागार्जुन और असंग जैसे आचार्यों और उनके अनुयायियों के कार्यों का अध्ययन करते हैं। दलाईलामा ने कहा कि जहां तक उनका संबंध है, उनका जन्म धोमे के कुम्बुम क्षेत्र में हुआ था और दलाईलामा के पुनर्जन्म के रूप में पहचाने जाने के बाद वे ल्हासा आए, जहां उन्होंने अपने गुरुओं लिंग रिनपोछे और त्रिजांग रिनपोछे से शिक्षा प्राप्त की। दलाईलामा ने कहा कि त्रिरत्नों में शरण लेने के श्लोक को दोहराने के अलावा, बुद्ध धर्म और संघ के मंत्रों का जाप प्रेरणा प्रदान कर सकता है।