Himachal: अधिकारों की मांग को लेकर सड़कों पर उतरा OBC समुदाय, कांगड़ा से धर्मशाला तक निकाली सामाजिक न्याय यात्रा
punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 07:03 PM (IST)

धर्मशाला (प्रियंका): ओबीसी समुदाय ने अपने अधिकारों की मांग को लेकर शनिवार को सड़कों पर उतरने का निर्णय लिया और इस कड़ी में कांगड़ा से धर्मशाला तक ओबीसी सामाजिक न्याय यात्रा का आयोजन किया। ओबीसी समुदाय पिछले 19 वर्षों से सरकार की ओर देख रहा था, लेकिन अब उनका सब्र का बांध छलक पड़ा है। समुदाय ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उन्हें उनके अधिकार नहीं दिए गए, तो प्रदेश स्तर पर उग्र आंदोलन किया जाएगा। ओबीसी संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ एक यात्रा थी, लेकिन अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रहेगा। कांगड़ा से शुरू हुई ओबीसी सामाजिक न्याय यात्रा में विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के लोग शामिल हुए। कांगड़ा से चैतड़ू तक यह यात्रा पैदल की गई, इसके बाद दाड़ी तक लोग गाड़ियों से पहुंचे। दाड़ी से धर्मशाला तक ओबीसी समुदाय का हुजूम पैदल यात्रा करता हुआ डीसी कार्यालय धर्मशाला तक पहुंचा। इस यात्रा के दौरान समुदाय के लोगों ने एकजुट होकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की।
20 सूत्रीय मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं
ओबीसी समुदाय ने अपनी 20 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार को अवगत कराया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसके परिणामस्वरूप ओबीसी संघर्ष समिति का गठन किया गया और समिति के बैनर तले यह न्याय यात्रा निकाली गई।
93वें संविधान संशोधन की मांग
ओबीसी संघर्ष समिति के अध्यक्ष सौरभ कौंडल ने कहा कि ओबीसी समुदाय सरकार से सिर्फ एक ही मांग कर रहा है, जो कि 93वें संविधान संशोधन को लागू करना है। इस संशोधन में उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी समुदाय के छात्रों को 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था। हालांकि, हिमाचल प्रदेश में यह संशोधन लागू नहीं किया गया, जो ओबीसी समुदाय के लिए एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। कौंडल ने यह भी कहा कि चाहे सरकार भाजपा की हो या कांग्रेस की, दोनों ने इस संशोधन को लागू नहीं किया।
सरकारों ने 19 वर्षों से ओबीसी को अंधेरे में रखा
सौरभ कौंडल ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले 19 वर्षों से ओबीसी समुदाय को अंधेरे में रखा गया है। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को रखा है, लेकिन अगर सरकार अब भी नहीं चेती, तो अगला कदम क्या होगा, यह हम अभी नहीं बताएंगे। सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। अगले चरण में पूरे प्रदेश के ओबीसी समुदाय को एकजुट किया जाएगा।
थर्ड फ्रंट बनाने का फैसला समुदाय पर छोड़ा
सौरभ कौंडल ने थर्ड फ्रंट के सवाल पर कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य ओबीसी समुदाय के अधिकारों की प्राप्ति है, न कि किसी राजनीतिक गठबंधन का गठन। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर समुदाय को लगता है कि उनकी अनदेखी हो रही है, तो थर्ड फ्रंट बनाने का निर्णय समुदाय पर छोड़ दिया जाएगा।