शांता बोले-कर्ज माफी उचित इलाज नहीं बल्कि गंभीर बीमारी का कारण
punjabkesari.in Saturday, Dec 29, 2018 - 11:03 PM (IST)
पालमपुर (भृगु): सांसद शांता कुमार ने कहा कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में किसानों को नकद आय सहायता न देना तर्कसंगत नहीं। उन्होंने केंद्र द्वारा देश के किसानों को नकद आय प्रदान करने के निर्णय पर विचार करने को सराहनीय कदम बताया है। उन्होंने कहा कि कर्ज माफी बीमारी का उचित इलाज नहीं है बल्कि यह भविष्य में गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है क्योंकि इससे देश की आॢथकी को गहरा धक्का लगता है। किसानों को राहत प्रदान करने के लिए कर्ज माफी का प्रयोग पहले भी देश में किया गया है लेकिन किसानों की अर्थव्यवस्था में कोई अंतर नहीं आया है और किसानों द्वारा आत्महत्याओं का सिलसिला जारी रहा है। शांता कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालते ही किसानों की भलाई के लिए कार्य करना शुरू कर दिया था।
उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने दिया था नकद आय सहायता देने का सुझाव
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में भारतीय खाद्य निगम के पुनर्नवीकरण हेतु गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा भी किसानों को नकद आय सहायता देने का सुझाव दिया गया था। उनकी अध्यक्षता में गठित इस समिति ने किसानों की समस्याओं पर गहन विचार किया था। समिति का विचार था कि खेती का व्यवसाय न लाभप्रद है और न आकर्षक और न ही उसमें सामाजिक स्तर है। खेत पर वही कार्य करता है, जिसे कहीं और काम नहीं मिलता परन्तु कृषि के बिना जीवन भी असंभव है, इसलिए विश्व के अधिकतर देशों में सरकारें किसानों को सीधे नकद सहायता प्रदान करती हैं। अमरीका में कुल 21 लाख किसान हैं परन्तु किसानों के पास कृषि फार्म बड़े-बड़े हैं।
योजनाओं का समय-समय पर मूल्यांकन किया जाए
उन्होंने कहा कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में किसानों को नकद आय सहायता न देना तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार खाद अनुदान के लिए प्रतिवर्ष लगभग 70,000 करोड़ रुपए खर्च करती है लेकिन इस अनुदान का लाभ बड़ी-बड़ी खाद कंपनियों को ही मिलता है तथा वे कई गलत तरीकों से यह धन लेती हैं। उन्होंने कहा कि यह राशि देश के किसानों को नकद आय सहायता के रूप में दी जाए तो किसान अपनी इच्छा से इसका प्रयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए फसल बीमा योजना व अन्य योजनाओं का भी समय-समय पर मूल्यांकन किया जाना चाहिए।