AIIMS के निर्माण से पशुधन पर संकट, दूसरे कैटल फार्म में तलाशी जा रही जगह

punjabkesari.in Thursday, Sep 13, 2018 - 09:58 PM (IST)

शिमला: बिलासपुर जिला के कोठीपुरा में बनने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के लिए पशुपालन विभाग के कैटल ब्रीडिंग फार्म की जगह को हस्तांतरित करने को सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके चलते यहां पर रह रही 70 गऊओं के लिए विभाग के दूसरे कैटल फार्म में जगह तलाशी जा रही है। हालांकि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि यहां पर रह रहे पशुधन को अन्यत्र तबदील किया जाए लेकिन ऐसा न होने की स्थिति में इनको पशुपालकों को दिए जाने पर सरकार विचार कर रही है। सरकार का तर्क है कि इससे पशुपालकों को अच्छे पशु यानी गाय मिल सकेगी जिससे नस्ल में भी सुधार हो सकेगा। इसके अलावा पशुपालन विभाग ने राज्य सरकार से बिलासपुर में कहीं अन्य स्थान पर पर्याप्त जगह उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है ताकि वहां पर नया कैटल ब्रीडिंग फार्म चलाया जा सके, साथ ही केंद्र सरकार से करीब 35 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट को तैयार करके पशुधन को वहां पर रखने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित हुइ है 112.04 बीघा जमीन
उल्लेखनीय है कि पशुपालन विभाग की करीब 112.04 बीघा जमीन केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित करने को सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी है। एम्स की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले रख चुके हैं। इस परियोजना पर 1,351 करोड़ रुपए की लागत आएगी। नए एम्स का निर्माण 48 माह में पूरा होने की संभावना है, जिसमें 750 बिस्तरों के साथ ट्रामा सैंटर की सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें प्रतिवर्ष 100 एम.बी.बी.एस. छात्रों को दाखिला मिलेगा, साथ ही बी.एससी. नर्सिंग की 60 सीटें, मैडीकल-पैरामैडीकल स्टाफ के लिए आवासीय सुविधा, अस्पताल में 20 स्पैशलिटी/सुपर स्पैशलिटी के साथ 15 ऑप्रेशन थिएटर होंगे। पारंपरिक चिकित्सा पद्धति से उपचार की सुविधा प्रदान करने के लिए 30 बिस्तरों (आयुष विभाग) की सुविधा उपलब्ध होगी। एम्स की स्थापना से सुपर स्पैशलिटी स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के अलावा अन्य तरह की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।

प्रदेश सरकार पशुधन की रक्षक : कंवर
पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने संपर्क करने पर बताया कि एम्स निर्माण के कारण कैटल ब्रीङ्क्षडग फार्म बंद हो रहा है लेकिन प्रदेश सरकार वहां पर मौजूद पशुधन की पूरी रक्षा करेगी। प्रदेश के साथ केंद्र सरकार से इस मामले को उठाया जा रहा है ताकि पशुधन को वहां पर रखा जा सके। इसके अलावा प्रदेश सरकार पशुपालकों को भी पशुधन दे सकती है ताकि नस्ल में सुधार हो सके।                     

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vijay

Recommended News

Related News