CM ने दुग्ध उत्पादकों से किया सीधा संवाद, बोले-किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार लाएगी नई योजनाएं

punjabkesari.in Sunday, Feb 11, 2024 - 06:51 PM (IST)

शिमला (संतोष): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी बजट में किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई योजनाएं ला रही हैं ताकि पशुपालन और कृषि के बारे में समाज की सोच में सकारात्मक बदलाव आ सके। आगामी 2 वर्षों में राज्य सरकार के इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। यह बात मुख्यमंत्री ने रविवार को शिमला के होटल पीटरहॉफ में प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों से सीधे संवाद के दौरान अपने संबोधन में कही। उन्होंने किसानों के साथ खुले संवाद सत्र में व्यापक चर्चा भी की और किसानों व अन्य हितधारकों से मिले सुझावों को राज्य सरकार की नीति में शामिल करने का आश्वासन भी दिया। मुख्यमंत्री ने मिल्कफैड की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम में पहुंचने पर सचिव पशुपालन राकेश कंवर ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया जबकि मिल्कफैड के प्रबंधक निदेशक डाॅ. विकास सूद ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि कृषि में क्रांतिकारी परिवर्तन के दृष्टिगत पशुपालन को विशेष रूप से बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
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दूध खरीद के मूल्य में 6 रुपए की बढ़ौतरी
सीएम ने कहा कि दूध खरीद के मूल्य में 6 रुपए की बढ़ौतरी राज्य सरकार की ओर से पशुपालकों को निश्चित आय का आश्वासन है और इससे वे दुग्ध उत्पादन के लिए प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार दूध उत्पादकों को कर में रियायत देने पर भी विचार करेगी। मैं आपको स्वावलंबी बनाना चाहता हूं ताकि किसान घर में बैठकर अपनी आय के साधन बढ़ा सकें। किसानों को शोषण से बचाने और उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रभावी कदम उठा रही है। इन प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी। जब गांव के लोगों की आय बढ़ेगी तभी हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा। इसके लिए हमें पुरानी परंपराओं और नई टैक्नोलॉजी को साथ लेकर चलना होगा।

हिम गंगा योजना शुरू, 500 करोड़ के बजट का प्रावधान
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की दुग्ध आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए दूध खरीद मूल्य को लागत मूल्य के आधार पर देने के लिए हिम गंगा योजना की शुरूआत इस वित्त वर्ष से कर दी गई है, जिसके लिए 500 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही जिला कांगड़ा के डगवार में 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता का दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा, जिसकी क्षमता 3 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाई जा सकती है। यह संयंत्र पूरी तरह से स्वचालित होगा जिस पर अनुमानित 226 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। संयंत्र की स्थापना के लिए भूमि स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि बकरी के दूध और पहाड़ी गाय के दूध की खूबियों का भी अध्ययन किया जा रहा है।

हरित ऊर्जा राज्य के लक्ष्य को लेकर ई-व्हीकल को किया प्रोमोट
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने हिमाचल को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है। डीजल व पैट्रोल गाड़ियों पर निर्भरता कम की जा रही है और ई-व्हीकल को प्रोमोट किया जा रहा है। राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट अप योजना के दूसरे चरण में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए किसानों की अनुपयोगी भूमि का उपयोग सौर ऊर्जा उत्पादन में किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से बेरोजगार युवा अपनी भूमि पर 100, 200, 500 किलोवाट का सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित कर पाएंगे तथा राज्य सरकार उनसे 25 वर्षों तक बिजली की खरीद कर, उन्हें निश्चित आय सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2027 तक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और वर्ष 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, कांग्रेस नेता चेत राम ठाकुर, डीसी अनुपम कश्यप, एसपी संजीव गांधी, निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क राजीव कुमार, निदेशक पशु पालन डाॅ. प्रदीप शर्मा सहित अन्य गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।
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Content Writer

Vijay

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