केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ शिमला में गरजे कामरेड

punjabkesari.in Friday, Sep 13, 2019 - 03:41 PM (IST)

शिमला (योगराज): श्रम कानूनों में बदलाव और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ शिमला में सीटू 3 दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कर आंदोलन की रणनीति तैयार करने जा रही है। सम्मेलन के शुभारंभ के मौके पर सीटू के राष्ट्रीय महासचिव तपन सेन की अध्यक्षता में शिमला शहर में केंद्र सरकार के खिलाफ महारैली निकाली गई, जिसमें प्रदेश के कई मजदूर संगठनों ने भाग लिया और हजारों की तादाद में पहुंच कर केंद्र्र सरकार की नीतियों के खिलाफ हल्ला बोला। इस दौरान तपन सेन ने बताया कि आज के समय में जिस तरह से मजदूरों का शोषण हो रहा है और देश में बेरोजगारी बढ़ी है वो खासकर युवाओं के लिए चिंता की बात है। केंद्र सरकार नव उदारवादी नीति पर काम कर रही है जो देश की इंडस्ट्री को खत्म करके विदेशी इंडस्ट्री को बढ़ावा देती है, उसे देश में लागू किया जा रहा है। इससे युवाओं के रोजगार पर बड़ा हमला हुआ है।
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आर्थिक मंदी का ऑटोमोबाइल सैक्टर पर हुआ सबसे ज्यादा असर

उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक मंदी का सबसे ज्यादा असर ऑटोमोबाइल सैक्टर पर हुआ है, जिसमें 15 लाख लोगो की नौकरियां गई हैं। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर बेरोजगारी बढ़ी है तो वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार सोई हुई है। देश की जीडीपी में योगदान देने वाले किसान, मजदूर वर्ग के रोजगार पर बहुत बुरा असर पड़ा है। जीडीपी की दर गिरकर 5 प्रतिशत पर पहुंच गई और औधिगिक विकास की दर 2 प्रतिशत से नीचे चली गई है जो देश के लिए चिंता की बात है। सीटू इन सभी मुद्दों को लेकर आगामी 3 दिन शिमला में रणनीति तैयार करेगी और केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
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Vijay

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