Chamba: आजादी के 77 वर्ष बाद भी तुनुहट्टी के 3 गांव सड़क सुविधा से महरूम, सरकार ने नहीं ली सुध

punjabkesari.in Wednesday, Oct 09, 2024 - 12:44 PM (IST)

हिमाचल डेस्क (संजय): भटियात की तुनुहट्टी पंचायत के 3 गांव आजादी के 77 साल बाद भी सड़क सुविधा से महरूम हैं। इस कारण ग्रामीणों को 6 से 8 किलोमीटर तक का पैदल सफर तय कर सड़क तक पहुंचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

उनकी मुश्किलें तब बढ़ जाती हैं जब गांव में कोई भी गंभीर बीमार पड़ जाए अथवा गर्भवती महिला को प्रसव के लिए ले जाना पड़े। ऐसी स्थिति में उन्हें चारपाई या फिर पालकी के माध्यम से पैदल सफर तय कर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है।

सुनागर, लाड़ी और द्रबडी गांवों के लोग समस्या से इतने वर्षों से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार ने उनकी सुध नहीं ली। बरसात के मौसम या फिर कभी भी भारी बरसात होने पर इन गांव के बच्चों को अपनी जान को हथेली पर रखकर स्कूल पहुंचने के लिए मजबूर होना पड़ता है और यदि बरसाती नाले में पानी का जल स्तर ज्यादा बढ़ जाए तो बच्चों को स्कूल न जाकर अपने घरों में ही रुकने के लिए मजबूर होना पड़ जाता है।

2 बरसाती नालों पर बनाए जाएं पुल 
स्थानीय निवासी रूमैल सिंह, बुद्धि सिंह, मान सिंह, प्रकाश चंद, चैन सिंह, संजय कुमार, गरगेश कुमार, रविंदर सिंह, मीना कुमारी, पूजा देवी, चंद्रेश कुमारी, पिंकी देवी, अनिता, रिचा देवी, प्रेमो, मनोहर लाल, वीना देवी, जोध सिंह, कांतिदेवी, पवन कुमार, रीना देवी व गिरधारी लाल ने बताया कि एन.एच. पर स्थित दुबाला डंगा से डिब्बर खोला तक सड़क की कटाई का कार्य पूरा हो चुका है।

इसी सड़क को गांव सुनागर तक भी पहुंचाया जाए ताकि लोगों को और ज्यादा परेशानियों का सामना न करना पड़े। सड़क के सपने को लेकर उनके कई बुजुर्ग स्वर्ग सिधार चुके हैं, लेकिन वो सपना अभी भी लोगों को सपना ही नजर आ रहा है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से भी अपील की है कि 2 बरसाती नालों पर पुलों का निर्माण कार्य को कराया जाए।

क्या कहते हैं पंचायत प्रतिनिधि
पंचायत उप प्रधान तिलक राज ने बताया कि सुनागर गांव के लोगों की लंबे समय से सड़क की मांग चलती आ रही है और फॉरैस्ट क्लीयरेंस जल्द हो सके इसके लिए राजस्व विभाग के संबंधित पेपर तैयार किए जा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग कनिष्ठ अभियंता अमित कुमार ने बताया कि डिबर खोला से सुनागर की दूरी करीब 4 किलोमीटर है।

इसी सड़क को सुनागर गांव तक पहुंचाया जाएगा। जिसके लिए पंचायत को ततीमा, फील्ड बुक और खतौनी देने को कहा गया है, ताकि आगे की फॉरैस्ट क्लीयरेंस के लिए फाइल को तैयार किया जा सके।

 

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Content Editor

Jyoti M

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