HPU : ईवीएस में 5 प्रतिशत ग्रेस मार्क्स मिलने के बाद भी 144 विद्यार्थी ही हुए पास
punjabkesari.in Saturday, Jan 07, 2023 - 09:30 PM (IST)

शिमला (अभिषेक): स्नातक प्रथम वर्ष के खराब परीक्षा परिणाम मामले में विद्यार्थियों को पर्यावरण विज्ञान (ईवीएस) कोर्स में 5 प्रतिशत ग्रेस मार्क्स मिलने के बाद भी परिणाम के पास प्रतिशतता में कोई खास सुधार नहीं आया है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) की ओर से मामले की जांच को लेकर गठित कमेटी की सिफारिश व कुलपति से मंजूरी मिलने के बाद स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को ईवीएस में 5 प्रतिशत ग्रेस मिलने के बाद भी 144 विद्यार्थी ही पास हुए हैं। ग्रेस मार्क्स प्रदान करने के बाद कई विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं हुआ है, ऐसे में स्नातक प्रथम वर्ष में फेल हुए विद्याथयों को पुनर्मूल्यांकन से आस रह गई है। यदि पुनर्मूल्यांकन में भी विद्यार्थी पास नहीं हुए तो फिर उन्हें आगामी मार्च में प्रस्तावित परीक्षाओं के दौरान प्रथम वर्ष की परीक्षाएं देनी पड़ेंगी।
2 हजार उत्तर पुस्तिकाओं की तीसरी बार चैकिंग करवाई
बताते चलें कि स्नातक प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणाम पर विद्यार्थियों ने कई सवाल उठाए थे। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले को जांच कमेटी का गठन किया था। जांच कमेटी ने 3300 उत्तर पुस्तिकाओं की रैंडम रि-चैकिंग करवाई और इसके बाद करीब 2 हजार उत्तर पुस्तिकाओं की तीसरी बार चैकिंग करवाई गई। जानकारी के अनुसार उत्तर पुस्तिकाओं के पहले मूल्यांकन और तीसरी बार की गई रि-चैकिंग में अंकों का वैरिएशन 4.38 प्रतिशत रहा है जोकि सामान्य बताया गया। मामले की जांच में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। जांच कमेटी ने मामले की जांच कर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के ईआरपी सिस्टम को क्लीन चिट पहले ही दे दी है।
जनवरी माह के अंत में घोषित होगा पुनर्मूल्यांकन का परिणाम
जानकारी के अनुसार स्नातक प्रथम वर्ष के परिणाम के अनुसार बीएससी प्रथम वर्ष की पास प्रतिशतता 31 प्रतिशत रही है, जबकि बीए प्रथम वर्ष की पास प्रतिशतता 57 प्रतिशत और बीकॉम प्रथम वर्ष की पास प्रतिशतता 58 प्रतिशत रही है। अब ईवीएस में ग्रेस मार्क्स प्रदान करने के बाद 144 विद्यार्थियों के पास होने पर भी पास प्रतिशतता में कुछ खास सुधार नहीं आया है। पुनर्मूल्यांकन का परिणाम भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने जनवरी माह के अंत तक घोषित करने का लक्ष्य रखा है।
उत्तर पुस्तिकाओं की रि-चैकिंग के बाद 131 विद्यार्थी ही हुए पास
उत्तर पुस्तिकाओं की रि-चैकिंग के बाद हजारों विद्यार्थियों में से भी 131 विद्यार्थी ही पास हुए थे। रि-चैकिंग के बाद अब विद्याॢथयों को कोई बड़ी राहत नहीं मिल पाई थी। मामले को लेकर जांच कमेटी ने बीते दिसम्बर माह में अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंपी थी। इसके बाद कुलपति ने ईवीएस में ग्रेस मार्क्स प्रदान करने को स्वीकृति दी थी। जांच में सामने आया है कि अधिकतर विद्यार्थी पर्यावरण विज्ञान व भाषा विषय में फेल हुए हैं। पर्यावरण विज्ञान (ईवीएस) कोर्स में विद्यार्थियों का फेल होने पर इस विषय को पढ़ाने के लिए काॅलेजों में शिक्षकों की कमी माना जा रहा है। इसको देखते हुए जांच कमेटी ईवीएस में विद्यार्थियों को 5 प्रतिशत ग्रेस मार्क्स के तौर पर देने की सिफारिश की थी।
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