Fraud : एक ही विरासत के 2 बार इंतकाल!
punjabkesari.in Friday, Jan 22, 2016 - 12:13 AM (IST)

करलोटी: घुमारवीं तहसील में जमीन संबंधी कार्यों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा है लेकिन प्रशासन को कानोंकान खबर तक नहीं लग रही। घुमारवीं तहसील में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पर एक ही विरासत के 2 इंतकाल किए गए हैं। विधानसभा चुनाव क्षेत्र घुमारवीं के अधीन आने वाली ग्राम पंचायत कोटलू-ब्राह्मणा के गांव डून के स्थानीय बाशिंदे किरपा राम पुत्र राम सिंह, जगत राम पुत्र किरपा राम व प्रकाश चंद पुत्र गीना राम आदि का कहना है कि बंसती देवी विधवा सोडा राम जो किरपा राम की चाची, प्रकाश चंद व जगत राम की दादी लगती थी, उसकी अपनी कोई संतान नहीं थी। यही लोग उसकी देखभाल करते थे।
बसंती देवी ने अपने हिस्से से 9 बिस्वा से ज्यादा जमीन 23 दिसम्बर, 1997 कोशफी मुहम्मद गांव कोटलू-ब्राह्मïणा को बेच दी। जब बंसती देवी द्वारा बेची गई जमीन का इंतकाल होना था उस समय किरपा राम पुत्र राम सिंह, प्रकाश पुत्र किरपा राम व प्रकाश चंद आदि को हलका पटवारी द्वारा इतलाह दी गई। पटवारी के पास जाकर किरपा राम व प्रकाश चंद ने इस इंतकाल पर आपत्ति जताते हुए इंतकाल को रुकवा दिया।
जमीन की शुद्धिकरण के लिए (संशोधन) किरपा राम पुत्र राम सिंह व प्रकाश चंद पुत्र गीना राम ने जमीन के इंतकाल को गैर-कानूनी करार देने के लिए कोर्ट का सहारा लिया। इसी बीच बसंती देवी 28 जुलाई, 2009 को स्वर्ग सिधार गई। फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा 14 मार्च, 2013 को बसंती देवी द्वारा शफी मोहम्मद को बेची गई जमीन की 23 दिसम्बर, 1997 को करवाई गई रजिस्ट्री को कानूनन अमान्य करार दे दिया गया। किरपा राम, जगत राम व प्रकाश चंद आदि का कहना है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले व बसंती विधवा सोडा राम का मृत्यु प्रमाण पत्र 15 जून, 2013 को पटवारी के पास दिए तथा तहसीलदार घुमारवीं द्वारा हाका पटवारखाने में जमीन का इंतकाल किरपा राम, जगत राम व प्रकाश चंद के नाम चढ़ा दिया गया, जिसका इंतकाल नंबर 676 है।
इसके बाद 19 मई, 2015 को शफी मुहम्मद के लड़के असलम मुहम्मद पुत्र शफी मुहम्मद व अमना बीबी पत्नी शफी मुहम्मद ने घुमारवीं तहसीलदार को एक शपथ पत्र दिया जिसमें उन्होंने उस जमीन का मालिकाना हक करार देते हुए तहसीलदार से शपथ पत्र के मुताबिक इंतकाल दर्ज करने का आग्रह किया। यहां पर यह भी काबिलेगौर बात है कि शपथ पत्र के साथ असलम मुहम्मद पुत्र शफी मुहम्मद व अमन बीबी पत्नी शफी मुहम्मद द्वारा कोर्ट के फैसले की जो कापी संलग्न की गई उसमें फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा रजिस्ट्री को 14 मार्च, 2013 को पूर्ण रूप से अवैध व गैर-कानूनी करार दिया गया है लेकिन घुमारवीं राजस्व विभाग द्वारा उस जमीन का केवल शपथ पत्र के आधार पर ही 7 जनवरी, 2015 को असलम मुहम्मद आदि के नाम पुन: इंतकाल कर दिया गया, जिसका इंतकाल नंबर 695 माल कागजात में दर्ज है।
आरटीआई का लिया सहारा
जगत राम पुत्र किरपा राम का कहना है कि जब उन्हें इस सारे फर्जीवाड़े की भनक लगी तो उन्होंने गैर-कानूनी ढंग से तहसीलदार द्वारा किए गए इंतकाल की छायाप्रति लेने के लिए आरटीआई का सहारा लिया। आरटीआई में उपमंडलाधिकारी (नागरिक) द्वारा जो सूचना की छायाप्रति उसे मुहैया करवाई गई है उसे देखकर उसके होश फाख्ता हो गए। जगत राम, किरपा राम व प्रकाश चंद का कहना है कि एक ही विरासत के दोनों पार्टियों के नाम 2 इंतकाल पहले किए गए इंतकाल को खारिज किए बिना कैसे कर दिए गए। यह इंतकराल फास्ट ट्रैक कोर्ट के फैसले की सरेआम अवहेलना करते हुए किए गए हैं। ऐसा मामला जिला में तो क्या पूरे प्रदेश में कहीं भी देखने व सुनने को नहीं मिला है। आरटीआई में स्पष्टï लिखा है कि दूसरा इंतकाल नंबर 695 असलम मुहम्मद द्वारा दिए गए शपथ पत्र के आधार पर ही कर दिया गया है।
उपमंडलाधिकारी घुमारवीं (नागरिक) आदित्य नेगी ने बताया कि मुझे मामले की पूरी जानकारी नहीं है। मामले की छानबीन के बाद ही कुछ तर्क दे पाऊंगा। यदि तहसीलदार द्वारा इंतकाल के ऊपर इंतकाल किया गया है और गैर-कानूनी पाया जाता है तो उसके (तहसीलदार) खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वहीं तहसीलदार घुमारवीं ओपी शर्मा ने बताया कि इंतकाल 15 जून, 2013 को किया गया है उस समय मैं घुमारवीं तहसील में कार्यरत नहीं था और जो इंतकाल 7 जनवरी, 2015 को असलम मुहम्मद के नाम इंतकाल नंबर 695 दर्ज किया गया है वह मैंने ठीक किया है। यदि पार्टी को उनके द्वारा किया गया इंतकाल गलत लगता है तो वह उच्च न्यायालय में दस्तक दे सकते हैं।