हिमाचल की 374 सड़कों को मिली फोरैस्ट क्लीयरैंस

punjabkesari.in Sunday, Aug 13, 2017 - 12:44 AM (IST)

शिमला: प्रदेश उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद एफ.सी.ए. मिलने के मामलों में कुछ तेजी आई है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने हाल ही में 374 सड़कों को फोरैस्ट क्लीयरैंस दे दी है। लोक निर्माण विभाग ने साल के शुरूआत में एफ.सी.ए. के लिए 395 सड़कों की रिपोर्ट केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजी थी। ये वे सड़कें बताई जा रही हैं जिनका क्षेत्रफल 1 हैक्टेयर से कम है। इसके बाद अब 1809 सड़कें बताई जा रही हैं, जिनकी एफ.सी.ए. लेनी है। वायलेशन करके बनाई गई इन सड़कों का मामला हिमाचल हाईकोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट के आदेशों पर विभाग ने फोरैस्ट क्लीयरैंस के लिए एक कमेटी गठित कर रखी है। इस कमेटी पर वायलेशन करके बनाई गई 2183 सड़कों को फोरैस्ट क्लीयरैंस लेने का उत्तरदायित्व है। कमेटी कोर्ट की निगरानी में फोरैस्ट क्लीयरैंस लेने का काम कर रही है। 

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को विस्तृत जांच रिपोर्ट भेज रही कमेटी
कमेटी इन सड़कों की विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार कर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को एफ.सी.ए. के लिए भेज रही है। इनमें से कुछ सड़कों का निर्माण लोक निर्माण विभाग या कुछ का पंचायतों द्वारा या फिर कुछ सड़कें स्थानीय लोगों द्वारा बनाई गई हैं लेकिन सड़कें बनाने से पहले एफ.सी.ए. लेने की औपचारिकताएं पूरी नहीं की गईं। जाहिर है इस कारण अधिकतर सड़कों का निर्माण कार्य या तो लटका हुआ है या फिर सरकार इनकी टारिंग, ड्रेन बनाने, मुरम्मत जैसे कार्य नहीं कर पा रही है। इसके लिए पहले एफ.सी.ए. मिलनी जरूरी है। एफ.सी.ए. न मिलने के कारण इन सड़कों का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इन सड़कों को बस सेवाएं शुरू नहीं हो पा रहीं। केंद्र से एफ.सी.ए. मिलने के बाद अब राज्य सरकार इन सड़कों के लिए बजट का प्रावधान कर पाएगी।

जनजातीय क्षेत्रों में एफ.सी.ए. में 2 साल की छूट
हालांकि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने जनजातीय क्षेत्रों में एफ.सी.ए. में 2 साल की छूट दे रखी है। यानी जनजातीय इलाकों में एफ.सी.ए. की वजह से लटकी हुई सड़कों व अन्य प्रोजैक्ट का निर्माण जल्द पूरा होने की आस बंध गई है लेकिन ये छूट केवल अधिसूचित जनजातीय क्षेत्रों में ही दी गई है। राज्य सरकार और लोक निर्माण विभाग को एफ.सी.ए. के कारण लटके प्रोजैक्ट का निर्माण कार्य नवम्बर 2018 तक हर हाल में पूरा करना होगा। केंद्र की इस अधिसूचना से प्रदेश के अधिसूचित जनजातीय इलाकों में करीब 120 प्रोजैक्ट के पूरा होने की उम्मीद है।
 


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