समग्र शिक्षा के बेहतर कार्यान्वयन से हिमाचल को मिले 966 करोड़ रुपए

punjabkesari.in Tuesday, Apr 02, 2024 - 06:38 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): समग्र शिक्षा के बेहतर कार्यान्वयन से हिमाचल को केंद्र से 966 करोड़ रूपए की राशि मिली है। इस दौरान स्टार्स प्रोजैक्ट के तहत प्रदेश को 305 करोड़ मिले हैं। समग्र शिक्षा के परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हिमाचल में समग्र शिक्षा पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकार से मिले 817.61 करोड़ रुपए को पूरा खर्च करने में कामयाब रहा है। पहली बार हिमाचल समग्र शिक्षा ने 100 प्रतिशत फंड खर्च किया है। इससे पहले हिमाचल समग्र शिक्षा केंद्र से मिले फंड को पूरी तरह से खर्च नहीं कर पा रहा था। राजेश शर्मा ने कहा है कि 2021-22 में केंद्र से हिमाचल को समग्र शिक्षा के लिए 629.08 करोड़ मिले थे, जिनमें से 428.21 करोड़ उस वित्तीय वर्ष में खर्च हो पाए जोकि कुल राशि का 68.07 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में हिमाचल को समग्र शिक्षा के लिए 709.82 करोड़ मिले थे, जिनमें से 523.79 करोड़ रुपए यानी 73.79 प्रतिशत राशि खर्च हो पाई थी। इसके विपरीत 2023-24 के वित्तीय वर्ष में पहली बार हिमाचल समग्र शिक्षा पूरे 817.61 करोड़ रुपए खर्च करने में कामयाब रहा है, जिसके चलते भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए हिमाचल को समग्र शिक्षा के तहत 966 करोड़ रुपए का फंड जारी किया है।

स्टार्स प्रोजैक्ट का भी रहा सफल कार्यान्वयन
राजेश शर्मा ने कहा कि स्टार्स प्रोजैक्ट के तहत भी इस बार हिमाचल को अधिक राशि मिली है। हिमाचल ने पिछले वित्तीय वर्ष में केंद्र से मिली तकरीबन पूरी राशि खर्च की है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में हिमाचल को केंद्र से 274.74 करोड़ रुपए का बजट मिला था, जिनमें से 272.21 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2022-23 में हिमाचल को मिले 243.69 करोड़ में से मात्र 36.93 करोड़ व 2021-22 में 54 करोड़ में से मात्र 7.17 करोड़ रुपए ही खर्च हो पाए जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 में मिले 11.28 करोड़ में से कोई भी राशि खर्च नहीं हो पाई थी।

सरकार के खजाने पर पड़ा कम बोझ
राजेश शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार से मिले फंड को पूरी तरह से खर्च करने पर हिमाचल सरकार के खजाने पर भी कम बोझ पड़ता है। उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा ने प्रारंभिक और उच्च शिक्षा निदेशालय के साथ मिलकर काम किया है। वहीं आईसीटी, स्मार्ट क्लास रूम या अन्य आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए समय पर टैंंडर किए गए और इनमें पूरी पारदर्शिता बरती गई है। इस तरह समग्र शिक्षा और स्टार्स प्रोजैक्ट का पैसा अब वापस केंद्र सरकार को नहीं जा रहा। यही वजह है कि इस बार केंद्र सरकार के शिक्षा सचिव ने भी हिमाचल द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की है।

स्टेट इंस्टीच्यूट ऑफ एजुकेशन मैनेजमैंट एंड ट्रेनिंग सैंटर के लिए 9 करोड़
समग्र शिक्षा परियोजना निदेशक ने कहा कि हिमाचल शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस कर रहा है। इसकी लगातार मॉनीटरिंग भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्टेट इंस्टीच्यूट ऑफ एजुकेशन मैनेजमैंट एंड ट्रेनिंग शामलाघाट के लिए भारत सरकार से करीब 9 करोड़ रुपए का फंड मिला है। इस संस्थान में शिक्षकों को एडवांस ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में बने स्टेट इंस्टीच्यूट ऑफ एजुकेशन मैनेजमैंट एंड ट्रेनिंग सैंटर का अध्ययन भी किया जाएगा। उसके आधार पर इसको हिमाचल में लागू करने की सिफारिश सरकार से की जाएगी। यहां खेल मैदान, क्लॉस रूम और गैस्ट हाऊस की सुविधा दी जाएगी। इसी तरह शिमला और सिरमौर में एक्सीलैंस डाईट सैंटर बनाए जा रहे हैं। इनके लिए केंद्र से 15 करोड़ मिले हैं।

शिक्षक ने बदली शिक्षा की तस्वीर, अब कर्मचारी भी इसी स्कूल में पढ़ा रहे अपने बच्चे
समग्र शिक्षा परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में समग्र शिक्षा द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं शिक्षक भी गुणवत्तापूर्वक शिक्षा देने में बड़ा योगदान दे रहे हैं। ऐसा ही एक स्कूल चम्बा के चुवाड़ी का कुठेड़ प्राइमरी स्कूल है, जहां आशीष बहल नामक एक जेबीटी शिक्षक बच्चों को एक्सपीरियंशल लर्निंग सिखा रहे हैं। इसका नतीजा है कि सरकारी विभागों के कर्मचारी भी निजी स्कूल की बजाय इस स्कूल में बच्चों का दाखिला करवा रहे हैं। पिछले 3 वर्षों में यहां बच्चों की संख्या 20 से 80 हो गई है।
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Content Writer

Vijay

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