यहां जिंदगी और मौत के बीच है जरा सा फासला (Watch Pics)

punjabkesari.in Tuesday, Oct 06, 2015 - 12:33 PM (IST)

चंडीगढ़: हिमाचल के किन्नौर से चीन की सीमा कौरिक तक बना रोड विश्व के सबसे खतरनाक रास्तों में एक माना जाता है। यहां जिंदगी और मौत के बीच है जरा सा फासला है। आपको शायद ये नहीं पता होगा कि इन रास्तों पर हजारों सवारियों को घरों तक पहुंचाने वाले चालकों को सरकार महज 6000 रुपए मासिक वेतन देती है। 


2500 ड्राइवर हैं कांट्रेक्ट पर
बताया जा रहा है कि जिन दुर्गम इलाकों में गहरी खाइयों व ढंकार देखकर हौसले वालों के माथे पर भी डर से पसीना निकल जाए, वहां से कुशलता से बसें गुजारकर सरकारी बसों के चालक लोगों को सुरक्षित मंजिल तक पहुंचाते हैं। आपको बता दें कि हिमाचल सरकार के परिवहन निगम में 6500 से अधिक चालक व परिचालक हैं। लेकिन इनमें से 2500 के करीब चालक व परिचालक अनुबंध पर सेवाएं दे रहे हैं।


6 हजार पगार में कहां चलता है परिवार
वहीं चालकों का कहना है कि 6 हजार रुपए में परिवार का गुजारा करना मुमकिन नहीं है। किन्नौर व लाहौल-स्पीति की जानलेवा सर्दी में खतरनाक रास्तों से गुजरना जान हथेली पर रखने के समान है। इन रूट्स पर बसें चला चुके कर्म सिंह बताते हैं कि गहरी खाई देखकर कैसे कंपकंपी छूटती है।


क्या कहते हैं चालक
बताया जा रहा है कि कर्म सिंह अरसे तक किन्नौर के दुर्गम इलाकों में बस का स्टेयरिंग थाम कर लोगों को सुरक्षित घरों तक पहुंचाते हैं। वहीं परिवहन कर्मियों के नेता खेमेंद्र गुप्ता का कहना है कि सरकार को अनुबंध पर तैनात चालकों व परिचालकों को सम्मानजनक वेतन देना चाहिए।


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