हिमाचल में है ऐसा अनौखा मंदिर, जहां होती है पानी के इस जीव की पूजा
punjabkesari.in Monday, Jun 02, 2025 - 06:25 PM (IST)

कांगड़ा (अनजान): देवभूमि हिमाचल प्रदेश के मंदिरों की श्रृंखला में आज हम उल्लेख कर रहे हैं गांव समलोटी के पास स्थित मूमता नामक उस जगह का जहां पर बड़ी मछियाल झील है तथा मछिंदर महादेव जी का मंदिर है। गांव के भगत अनूप चंद, अक्षय कुमार तथा शालू आदि ने बताया की काफी समय पहले एक योग ऋषि बाबा मछंदर महादेव जी महाराज ने इस स्थान पर घौर तपस्या की थी और उसके बाद इसको एक तीर्थ स्थल का नाम दिया था।
लोगों की धारणा है कि इस गांव में कोई भी गांववासी न तो मछली मारता है, न मछली खाता है बल्कि मछलियों की पूजा करते हैं। लोगों की धारणा है कि अगर कोई भूल से किसी मछली को मारने का अपराध करता है तो उसको कई अशुभ परिणाम देखने को मिलते हैं। उन्होंने बताया कि गांव में हर शनिवार और मंगलवार को हजारों भक्त मछलियों को आटा डालने आते हैं।
कभी भी कोई मछली को नहीं मारता। लोगों में यह भी धारणा है कि जब किसी गांववासी की मनोकामना पूर्ण होती है तो वह एक सोने की तार यानी बालू मछली के नाक में डाल देते हैं फिर उसकी विधिवत पूजा करते हैं। वह जात्तर लेकर मंदिर पहुंचते हैं और बैंड-बाजे के साथ माता का अभिनंदन करते हैं। अभी हाल ही में यहां पर मंदिर में संतोषी माता जी का मंदिर व अन्य देवी-देवताओं के मंदिर बनाए गए हैं। वहीं मछिंद्र महादेव जी का मंदिर भी बनाया गया है तथा हाल ही में एक भगत द्वारा लगभग 12 फुट ऊंची शिवजी की प्रतिमा का स्थापन किया गया है।