वन माफिया के कारिंदों पर भारी पड़ी महिला शक्ति, लकड़ी व गाड़ी छोड़ मौके से हुए फरार
punjabkesari.in Tuesday, Jan 31, 2023 - 06:26 PM (IST)

गोहर/चैलचौक (ख्यालीराम/योगिंद्र): वन माफिया के कारिंदों पर महिला शक्ति उस समय भारी पड़ गई जब वे वन विभाग द्वारा नाके पर पकड़ी गई लकड़ी व गाड़ी को छुड़ाने का दबाव बना रहे थे। हुआ यूं कि वन मंडल नाचन के अंतर्गत आने वाले भेटाधार के समीप वन विभाग की टीम ने नाका लगाकर लकड़ी से लदी एक गाड़ी को पकड़ा, जिसमें कैल के 24 स्लीपर लदे हुए थे। जैसे ही वन विभाग की टीम ने चालक को लकड़ी सहित पकड़ा तो उसी दौरान चालक के अन्य साथी भी आ धमके और वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर मामले को रफा-दफा करने व गाड़ी को वन विभाग की टीम से छुड़ाकर भगा ले जाने के लिए दबाव बनाने लगे।
अधिकारी ने फोन पर दी ग्रामीण वन समिति को सूचना
स्थिति को बिगड़ता देख विभाग की टीम में शामिल एक अधिकारी ने फोन पर ग्रामीण वन समिति के सदस्य को मामले की स्थिति से अवगत करवाया। इसके बाद स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों व महिला मंडलों की 20-22 सदस्यों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर गाड़ी को घेर लिया। इसके बाद वन विभाग की टीम पर दबाव बनाने वाले लोग स्थिति को भांपते हुए मौके से रफूचक्कर हो गए। पुलिस ने गाड़ी और लकड़ी को कब्जे में लेकर आरोपी चालक खेम चंद पुत्र दया राम निवासी दवेहढ़ व तहसील बालीचौकी को गिरफ्तार कर लिया है। एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
महिलाओं ने ही किया था वन विभाग को सूचित
जानकारी के अनुसार वन संपदा को नुक्सान पहुंचाने तथा लकड़ी को ठिकाने लगाने में शामिल तस्करों के खिलाफ ग्रामीणों में नाराजगी थी, वहीं दूसरी तरफ लकड़ी की तस्करी का भंडाफोड़ करने के लिए विभागीय अधिकारी भी नजरें बनाए हुए थे। जैसे ही ग्रामीण महिलाओं को लकड़ी तस्करी की भनक लगी उन्होंने तुरंत वन विभाग को आगाह कर दिया। उधर, सूचना मिलते ही वन परिक्षेत्राधिकारी तपेंद्र नेगी की अगुवाई में विभाग की टीम ने संदिग्ध रास्ते पर नाका लगा दिया। सोमवार रात करीब डेढ़ बजे जैसे ही गाड़ी पहुंची तो नाके पर तैनात टीम ने उसे तलाशी के लिए रोका और लकड़ी बरामद कर ली।
गाड़ी में मिली डिपो होल्डर की चालान बुक व हैमर
बालीचौकी क्षेत्र में सामने आए अवैध लकड़ी तस्करी के मामले उस वक्त नया मोड़ आ गया जब तलाशी के दौरान गाड़ी से एक लकड़ी डिपो होल्डर की चालान बुक और लकड़ी का हैमर अधिकारियों के हाथ लग गया। इससे जाहिर है कि लकड़ी तस्करी के इस धंधे का जाल बड़े पैमाने पर सक्रिय था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जैसे ही गाड़ी के पकड़े जाने की भनक लकड़ी डिपो होल्डर को लगी, वह तुरंत मौके पर हाजिर हो गया और मामले को कानून से बाहर निपटाने की बात करने लगा लेकिन इसी बीच दूसरे प्रत्यक्षदर्शी ने मौके पर ही उसे अपने मोबाइल कैमरे में कैद भी कर लिया है।
176500 रुपए है लकड़ी की कीमत : डीएफओ
डीएफओ नाचन तीर्थराज धीमान ने बताया कि गाड़ी से कैल की लकड़ी के 24 नग बरामद किए हैं जिसकी बाजार कीमत 176500 रुपए बनती है। लकड़ी तस्करी में शामिल गाड़ी से बरामद संदिग्ध दस्तावेज व अन्य सामान पुलिस को सौंप दिया है।
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