गंभीर बीमारी से पीड़ित महिला के लिए न आयुष्मान, न हिमकेयर योजना मददगार

punjabkesari.in Thursday, Sep 19, 2019 - 09:53 PM (IST)

ऊना (सुरेेंद्र शर्मा): गरीबों के लिए भारत सरकार की आयुष्मान स्वास्थ्य योजना एवं प्रदेश सरकार की हिमकेयर योजना कितनी कारगर साबित हो रही है, इसका अंदाजा उस बीपीएल परिवार से लगाया जा सकता है जो दवाई के लिए दर-दर भटक रहा है। कुटलैहड़ क्षेत्र के गांव घरवासड़ा की तारो देवी पत्नी अनंत राम प्लास्टिक एनीमिया नामक गंभीर बीमारी से जूझ रही है। गत अप्रैल माह से हजारों रुपए की राशि उसके इलाज पर खर्च हो चुकी है। 5 बेटियों और एक बेटे पर आधारित इस गरीब परिवार की मदद के लिए न तो सरकार आगे आई है और न ही कहीं से उसे कोई मदद मिल पाई है। सरकार को बिल सौंपे हैं लेकिन इसकी अदायगी होगी या नहीं इसका कुछ पता नहीं है। पत्नी को बचाने के लिए पति कर्ज लेने को घूम रहा है। एक किडनी का उपचार करवा चुका अनंत राम दिहाड़ी-मजदूरी करता था लेकिन अब उससे भी महरूम है। पूरे परिवार का पालन-पोषण करे या फिर पत्नी का इलाज करवाए यह समस्या उसके समक्ष काफी गंभीर है।
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15,194 रुपए में मिलता है 7 गोलियों का एक पत्ता

अनंत राम की पत्नी तारो देवी को पीजीआई चंडीगढ़ की ओर से जो दवाई लिखी जा रही है, उसका भुगतान करना तो दूर कोई उसका मूल्य सुनकर भी चकित हो जाए। 7 गोलियों पर आधारित एक स्ट्रिप (पत्ते) की कीमत 15,194 रुपए है। एक दिन में तारो देवी को 3 टैबलेट खाने की हिदायत दी गई है। इसके अतिरिक्त कुछ दवाइयां और हैं। अब अनंत राम इतनी राशि कहां से लाए यह एक बड़ी समस्या उसके सामने है। अब तक वह कर्ज लेकर और निकट संबंधियों से राशि लेकर खर्च कर चुका है। उसकी पत्नी उसके सामने तकलीफ में है। हालात दिन-प्रतिदिन बदतर होते जा रहे हैं। पीजीआई के चिकित्सकों ने हिदायत दी है कि ये दवाइयां उसे हर हाल में खानी पड़ेंगी और लम्बे समय तक इसका उपचार चलेगा। आखिर मजदूरी करने वाला अनंत राम अपनी पत्नी के लिए महीने का कम से कम दवाइयोंं का खर्चा लगभग डेढ़ लाख रुपए कहां से करे यह यक्ष प्रश्न उसके सामने है।
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नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ

यूं तो भारत सरकार की आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत गरीब परिवारों को जोड़ा गया है। इसका कार्ड भी बना है लेकिन अनंत राम की पत्नी तारो देवी को इसका कोई लाभ नहीं हो रहा है। कारण यह है कि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तहत किसी भी मरीज को तब ही लाभ मिलेगा जब वह अस्पताल में भर्ती हो। अनंत राम के मुताबिक पीजीआई के चिकित्सकों का कहना है कि चूंकी तारो देवी का उपचार लम्बे समय तक चलेगा, ऐसे में उसे इंडोर पेशैंट के रूप में भर्ती नहीं किया जा सकता है।

पत्नी की महंगी दवाइयां खरीदने में असमथ हूं : अनंत राम

अनंत राम कहते हैं कि वह पत्नी को महंगी दवाइयां खरीदकर लाने के लिए अब पूरी तरह से असमर्थ हैं। बैंक से लिया एक लाख रुपए का कर्ज भी खर्च हो चुका है। कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर को बिलों की अदायगी के लिए आग्रह किया गया है। बिल सरकार को भेजे हैं लेकिन अभी तक उनकी अदायगी नहीं हुई है।

तारो देवी और अनंत राम अब पूरी तरह से बेबस

तारो देवी और अनंत राम अब पूरी तरह से बेबस हैं। मानो पूरा परिवार ही एक तरह से बेबसी का शिकार है। कुटलैहड़ क्षेत्र के घरवासड़ा की ऊंचाई पर स्थित इस परिवार की जमीन भी इतनी पर्याप्त और कीमती नहीं कि वह उसे बेचकर इतनी महंगी दवाई खरीद सके और उपचार करवा सके। उम्मीद सरकार और समाज पर है कि कोई आगे आए और एक दिन का ही दवाई का खर्च वहन कर ले जोकि करीब 5600 रुपए बनता है।

पीड़ित परिवार की होनी चाहिए मदद : रमेश चंद

ग्राम पंचायत मकरैड़-घरवासड़ा के प्रधान रमेश चंद मानते हैं कि बीपीएल परिवार संकट में है। परिवार की मदद होनी चाहिए। ग्राम पंचायत ने धार्मिक स्थल पीरगौंस से भी आर्थिक मदद दिए जाने की गुहार प्रशासन से लगार्ई है। प्रदेश सरकार को इस निर्धन परिवार की मदद के लिए आगे आना चाहिए ताकि सही उपचार हो सके।

क्या कहते हैं कैबिनेट मंत्री

कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर कहते हैं कि यह मामला ध्यान में है और उनके बिल अदायगी के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए भेजे गए हैं। उम्मीद है कि जल्दी की उनको स्वीकृति मिलेगी। सरकार ऐसे परिवारों की हर हाल में मदद करेगी।


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Vijay

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