जब कोटखाई केस के आरोपियों को पुलिस ने पहना दी अपनी ही टोपियां

punjabkesari.in Sunday, Jul 16, 2017 - 11:23 AM (IST)

शिमला: कोटखाई छात्रा रेप एंड मर्डर मामले में पुलिस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। पकड़े आरोपियों की पहचान उजागर न हो जाए, इसका भी पूरा ख्याल पुलिस रख रही है। रविवार को रिपन अस्पताल में भी ऐसा ही कुछ वाकया देखने को मिला है। जहां इस मामले में पूछताछ के लिए पकड़े आरोपियों को जब पुलिस लाई तो एक युवक के सिर पर क्यू.आर.टी. के जवानों की टोपियां पहनाई गई, ताकि पब्लिक आसानी से पहचान न पाए। कार में बिठाने से पहले जवान ने उसके सिर से टोपी उतार ली।
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पहचान छिपाने के लिए मुंह को भी रूमाल से ढका 
पहचान छिपाने के लिए मुंह को भी रूमाल से ढका गया था। अगर प्रदर्शकारियों को इनकी भनक लगती तो कुछ भी अनहोनी हो सकती थी। हालांकि पकड़े गए आरोपियों के बारे में किसी को पता न चले, इसका ख्याल रखना पुलिस का दायित्व है, लेकिन क्या पुलिस की टोपी ऐसे युवक को पहनाना जो कि मामले में शक के दायरे में हो, कितना सही है। क्योंकि एक टोपी किसी भी पुलिस वाले के सिर का ताज मानी जाती है। यह टोपी पहनने के लिए एक जवान को काफी मुश्किल परिस्थितियों से गुजर कर मिलती है। तब जाकर कहीं टोपी और वर्दी पहनने का हकदार एक जवान बनता है। 


गाड़ी के पीछे भागे लोग 
गाड़ी जब अस्पताल से कार्टरोड की तरफ मुड़ी तो कुछ लोग गाड़ी के पीछे भाग गए। 
जैसे ही पुलिस ने 2 संदिग्ध आरोपियों को गाड़ी से उतारा तो एकदम महिलाओं का गुस्सा फूट गया और जोर-जोर से चिल्लाने लगे कि इन कातिलों को जूतो से मारो। जब तक आरोपियों को पुलिस और क्यू.आर.टी. गाड़ी में न बिठा पाई तब तक महिलाएं उनके पीछे-पीछे भागती रहीं।  


एक आरोपी पर महिला ने मारी दी चप्पल
उल्लेखनीय है कि शनिवार को गिरफ्तार किए गए 5 आरोपियों को मेडिकल के लिए रिपन अस्पताल ले जाने के दौरान भी एक महिला ने एक आरोपी पर चप्पल मार दी थी। इसे देखते हुए पुलिस ने रविवार को पुख्ता प्रबंध किए हैं। पुलिस ने क्यूआरटी के पहरे के बीच इनको वहां से निकाला और आरोपियों को कहां ले जाया गया है, यह अभी पता नहीं चला है। यह बात साफ नहीं हो पाई है कि अस्पताल में युवकों को मेडिकल करवाने के लिए लाया गया था या फिर किसी और मकसद से। वहीं इस मामले पर पुलिस कुछ भी कहने से पीछे हट रही है।


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