अनोखी देव परंपरा: यहां हिन्दू एक दिन खाते हैं हलाल मांस (Watch Video)

punjabkesari.in Wednesday, Feb 20, 2019 - 02:54 PM (IST)

कुल्लू (धनी राम/शम्भू): विश्व के प्राचीनतम गांव मलाणा में देवता जमदग्नि ऋषि के सम्मान में फागली उत्सव का आगाज हो गया है। यहां सदियों से फागली उत्सव मनाने का सिलसिला चल रहा है। फागली के दिन हिन्दू हलाल मांस खाते हैं। इस गांव में आज भी अकबर की पूजा की जाती है। हालांकि फागली उत्सव गत दिनों आरंभ हो गया लेकिन सोमवार को देवलू राक्षस के मुखौटे पहनकर नृत्य करते हैं। दोपहर के समय 3 देवलुओं ने देव आदेश पाकर पहले मलाणा गांव की परिक्रमा की और उसके बाद देव स्थल में नृत्य किया, वहीं फागली के दौरान अठारह करडू देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की गई। देवता के कारदार बरेस्तू राम ने कहा कि मलाणा गांव की अनोखी देव संस्कृति एक दिन के लिए बदल जाती है। फागली उत्सव के दौरान जहां देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है, वहीं हिन्दू भी पुराने रीति-रिवाज अनुसार हलाल किया हुआ मांस खाते हैं। उन्होंने कहा कि मंगलवार को फागली उत्सव सम्पन्न होगा। 
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इसके पीछे यह है ऐतिहासिक पहलू

इस घटना के पीछे एक ऐतिहासिक पहलू छिपा है। कहते हैं कि प्राचीन समय में घूमते-घूमते दिल्ली पहुंचे 2 साधुओं को अकबर ने पकड़ कर उनकी झोली में पड़ी तमाम दक्षिणा ले ली थी। इसके बाद जमदग्रि ऋषि ने स्वप्न में अकबर को यह दक्षिणा साधुओं को वापस लौटाने को कहा और इसके बाद सैनिकों के हाथ अपनी सोने की मूर्ति बनाकर दक्षिणा वापस मलाणा भेजी। देवलू बताते हैं कि तब से लेकर इस मूर्ति को यहां पूजा जाता है, वहीं फागली में अकबर की सोने की मूर्ति और चांदी के हिरण की पूजा-अर्चना की जाती है तथा इस दौरान बकरा हलाल करके काटा जाता है। देवलू इसे देवता के प्रसाद के रूप में बांटते हैं।


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