Una: पुलिस के साथ कांग्रेस नेता भी माफिया के खेल में शामिल : सत्ती
punjabkesari.in Saturday, Feb 08, 2025 - 04:27 PM (IST)
ऊना (विशाल): कई बार चेतावनी देने के बावजूद सरकार ने उनके आरोपों को अनदेखा किया और आज हालत यह हो गई कि सरकार को अपने ही लगाए हुए अधिकारियों और कर्मचारियों के यहां पर छापेमारी तक करनी पड़ रही है। यह बात जिला मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए ऊना सदर से विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में दागी अफसरों और कर्मचारियों को महत्वपूर्ण स्थानों पर नियुक्तियां देने का एक नया रिकॉर्ड बना दिया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरे खेल में पुलिस के साथ-साथ कांग्रेस के बड़े नेता भी माफिया के साथ शामिल हैं, जबकि पहले से ही माफिया के साथ-साथ गांठ करके चल रहे ये पुलिस कर्मचारी आम लोगों के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार में डी.जी.पी. डिस्क जैसे अवार्ड भी दागी लोगों को रेवड़ियों की तरह बांट दिए गए हैं। पुलिस द्वारा पुलिस के ही कर्मचारियों के खिलाफ की गई छापेमारी से ठीक पहले सूचना को लीक किया गया, ताकि उन्हें अपने बचाव के लिए पूरा समय मिल सके।
विधायक ने कहा कि यदि किसी निष्पक्ष एजैंसी से इस मामले की जांच करवाई जाए तो इन दागी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ सांठ-गांठ करने वाले और कई ऐसे ही लोग निकल कर सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि सरेआम सड़क पर माफिया की मदद के लिए अपने ही विभाग के कर्मचारियों के साथ मारपीट करने के आरोपियों को एसआईयू जैसे महत्वपूर्ण विंग में जगह देना अपने आप में कानून व्यवस्था को लचर बनने के समान है।
सत्ती ने कहा कि जिन पुलिस कर्मचारियों के घर में छापेमारी की गई है, उनमें से एक के खिलाफ वर्ष 2019 में शराब माफिया की मदद करने के आरोप में केस दर्ज किया जा चुका है, जबकि दूसरे पुलिस कर्मचारियों के खनन और नशा माफिया के साथ आए दिन सोशल मीडिया पर फोटो देखने को मिल जाते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को प्रदेश की जनता को यह बताना चाहिए कि आखिर इस तरह के दागी लोगों को स्पैशल इन्वैस्टिगेशन यूनिट जैसे महत्वपूर्ण विंग में जगह देने के लिए किस नेता या किसी अफसर ने मजबूर किया।