ट्रिब्यूनल ने 10 अध्यापकों से वसूली करने के आदेशों पर लगाई रोक

punjabkesari.in Tuesday, Sep 11, 2018 - 01:10 PM (IST)

मंडी (रजत): हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने 10 जे.बी.टी. अध्यापकों से शिक्षा विभाग द्वारा वसूली करने के आदेशों पर रोक लगा दी है। इसके अलावा राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा वरिष्ठ लिपिक को 90 दिनों से अधिक अवधि तक निलंबित रखने के आदेश को भी निरस्त करने का फैसला सुनाया है। प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष वी.के. शर्मा ने मंडी सर्किट बैंच के दौरान 10 जे.बी.टी. अध्यापकों बनीखेत खंड के प्रीतम चंद, चम्बा खंड के मदन लाल, चमन लाल, जगदीश कुमार, पवन कुमार, अमर नाथ, कुल्लू-2 खंड के घनश्याम चंद शर्मा, लाल चंद, गोपाल कृष्ण और निहाल चंद की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग द्वारा उनसे की जा रही वसूली पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। 

इसके अलावा एक अन्य मामले में राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा वरिष्ठ लिपिक जीत राम वर्मा की याचिका को स्वीकारते हुए उन्हें 90 दिनों से अधिक अवधि तक निलंबित रखने के आदेश को भी निरस्त करने का फैसला सुनाया है। ट्रिब्यूनल ने राज्य विद्युत बोर्ड बनाम भारत भूषण मामले में 2015 को दी गई उच्च न्यायालय के फैसले के तहत याचिकाकर्ता का केस कवर होने पर बोर्ड को याचिकाकर्ता के पक्ष में सभी सेवा संबंधी लाभ 3 माह के अंदर जारी करने के आदेश दिए हैं। ट्रिब्यूनल में दायर याचिका के अनुसार बोर्ड ने वरिष्ठ लिपिक के पद पर तैनात प्रार्थी जीत राम वर्मा को 22 दिसम्बर, 2011 को निलंबित कर दिया था और करीब 5 साल तक 19 फरवरी, 2017 तक निलंबित रखा था। प्रार्थी ने विभाग के इन आदेशों को ट्रिब्यूनल में याचिका दायर करके चुनौती दी थी। 

प्रार्थी का कहना था कि 90 दिनों के बाद निलंबन आदेश वैध नहीं रहता अगर इस पर पुनर्विचार करके इसे और अधिक 90 दिनों तक नहीं बढ़ाया जाए, जबकि इस मामले में निलंबन की अवधि को 90 दिनों से अधिक अवधि के लिए बढ़ाया नहीं गया है। जिसके चलते 90 दिनों से अधिक अवधि का यह निलंबन आदेश अवैध है। ऐसे में ट्रिब्यूनल ने याचिका को स्वीकारते हुए 90 दिनों से अधिक निलंबन अवधि के आदेशों को निरस्त करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा ट्रिब्यूनल ने बोर्ड को प्रार्थी के पक्ष में इस अतिरिक्त निलंबन अवधि के सेवा संबंधी लाभ 3 माह के भीतर अदा करने के निर्देश दिए हैं। इन सभी याचिकाओं की पैरवी अधिवक्ता एस.पी. चटर्जी ने की। 


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Ekta

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