सपना हुआ साकार: हिमाचल सरकार की इस योजना से रोशन हुई हजारों जिंदगी
punjabkesari.in Monday, Sep 29, 2025 - 02:59 PM (IST)

शिमला, (संतोष): सरकार न केवल जरूरतमंद बच्चों व निराश्रित महिलाओं के जीवन में रोशनी भर रही है, अपितु उनके घर के सपनों को भी पूरा कर रही है, जिससे उन्हें घर मिल रहा है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2023 में आरंभ की गई मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना आज हजारों जरूरतमंद बच्चों और निराश्रित महिलाओं के जीवन में नई रोशनी बनकर उभरी है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की संवेदनशील पहल ने अब तक 4100 से अधिक बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में गोद लेकर उनके पालन-पोषण और शिक्षा की संपूर्ण जिम्मेदारी उठाई है। योजना के तहत मकान निर्माण के लिए 3 लाख रुपए की सहायता का प्रावधान किया गया है। इस घटक के अंतर्गत अब तक 390 लाभार्थियों को 4,08,50,000 रुपए वितरित किए जा चुके हैं। कार्य पूर्ण होने पर 11.73 करोड़ रुपए तक की राशि आबंटित की जाएगी। जिला शिमला में भी 19 लाभार्थियों को गृह निर्माण सहायता उपलब्ध करवाई गई है।
तहसील रामपुर निवासी नितिन कपाटिया माता-पिता के निधन के बाद पूरी तरह अकेले और बेघर हो गए थे। ऐसे कठिन समय में मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना उनके जीवन में सहारा बनकर आई। मासिक 4,000 रुपए की आर्थिक सहायता और गृह निर्माण अनुदान के अंतर्गत प्राप्त 2 लाख रुपए से उनका घर बनाने का सपना पूरा हुआ। जिला शिमला की तहसील ननखड़ी की शिवानी भी इस योजना की प्रेरक मिसाल है। छठी कक्षा में पिता और ग्यारहवीं कक्षा में मां के निधन के बाद वह अपने नाना-नानी के साथ रहने लगी, क्योंकि उनके पास घर नहीं था। मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के अंतर्गत प्राप्त 1.50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता से उनका घर बनने का सपना साकार हुआ।
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पॉल ने कहा कि यह योजना अनाथ, अर्ध-अनाथ और विशेष रूप से सक्षम बच्चों को केवल आर्थिक सहयोग ही नहीं, अपितु उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए अवसर भी प्रदान कर रही है। बच्चों को 14 वर्ष की आयु तक 1,000 रुपए, 18 वर्ष तक 2,500 रुपए तथा 18 से 27 वर्ष की आयु तक 4,000 रुपए मासिक सहायता दी जा रही है। उच्च शिक्षा का पूरा खर्च सरकार वहन कर रही है और छात्रावास उपलब्ध न होने पर 3,000 रुपए प्रतिमाह अतिरिक्त सहायता भी उपलब्ध करवाई जा रही है।
डी.सी. शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना ने प्रदेश के हजारों बच्चों और बेसहारा लोगों के जीवन में उम्मीद और आत्मनिर्भरता की नई राह खोली है। यह केवल आर्थिक सहायता ही नहीं, अपितु सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन की ओर उठाया गया सराहनीय कदम है। जिला शिमला में भी इस योजना के तहत 19 लाभार्थियों को गृह निर्माण सहायता उपलब्ध करवाई गई है जोकि बेहद सराहनीय है।